________________ .सिसिरियालाही देव ! तुरु देखिएवं बापमान साहा : ऋणावि कारणे भासणन इस्सलिंदी // 172 / / कुमरेण तमो भनि भोमादिडीह साहह इमति / ता तेहिं तहाविहिए जाया कलागरससिद्धी // 33 // काक्रम चणं साहगेहि मणि कुमार ! अम्हाणं / जं बाबा रससिद्धी तुम्हाणं सो पसाओचि // 374 // ता गिह कणगमेय नो गिणा निम्पिहो कुमारो य / तहवि हु अलवस्सवि किंपि दुर्भात ते त्वे // 37 // तत्तो कुमरो पत्नो कमेण भरुपचनापयं नयरं। ... कणगब्बएण गिण्हइ वत्थालंकारसत्याई // 376 // पाउमा भाउमदियं ओसहिजुयलं च बंधा अपमि / लोगह भमइ नयरे सचेदं सरकुमारुष्व // 377 // इओ यकोसंबीनयरीए प्रवलो नामेण वाणियो अत्यि। सो बहुपति कोए, कुवेरनामेण विक्खाओं // 378 // बहुकणयकोडिगाडिअकयाणगों णेगवाणिजनेहि / सहिओ सो सत्यवई भरुयच्छ आगो अस्थि // 379 जागो वे तत्व हो पवरो सौ तेहवि देवकोहण / परसगमणपउगों पउणई बहुनाणवताई // 380 // मजिसमजुगी एगी सोसवरवाई करसोंहों। चनारि यमुटुंगों वापसहि परि