________________ सिरिसिरिवालका सा य केरिसा ?:अणेगसो जत्थ पथावईओ, नरुत्तमाणं च न जत्थ सखा / महेसरा जत्थ गिहे गिहेसु, सचीवरा जत्थ समग्गलोया // घेर धेर जत्थ रमंति गोरी-गणा सिरिओ अपए पए / वणवणे यावि अणेगरंभा, रई अपोईविय ठाणगणे // 43 तीसे पुरीई सुरवरपुरोई अहियाइ वण्णणं काउं / जइ निउगबुद्धिकलिओ, सकगुरु चेव सकेइ // 44 // तत्थथि विपालों, पयपालो नामओ अ गुणओ / जस्स पयादो सोमो, भीमो विय सिटजणे // 45 // तस्सवरोहे बहुदेहसोहअवहरियगोरिग्रव्वेवि / अच्चंत मणहरणे, नि उणाओ दुन्नि देवीओ // 43 // सोहग्गलडइदेहा, एमा सोहग्गसुन्दरीनामा / बीया अ स्वसुंदरी, लामा रूवेणा रइतुल्ला // 17 // 'पझ्या बाईसरलतमा तेण मिच्छदिचिति। बीया सागवधूया तेग सा सम्पदिछिति // 18 // ओ सरिसवयायो, समसोग्गा सरिसरुवायो। सावतेवि हु पार्य, परुप्पर पीतिकलिआ // 19 // मकरं आप मठियधम्मसरूवं नियारयंत्राणं / . दूरेण विसंवाओ, विसपीऊसेहि सारिच्छो // 50 // तमो अरमंतीमी, नवनवलीलाहिं नरवरेण सम। . थोक्तरमि समए, दोवि सगब्भाउ जायायो // 51 //