________________ 1922 - कलकत्सा चातुर्मास, दशलक्ष्ण पर्व में लोगों को चारदान देने का नियम कराया। प्रवचनसार टीका की रचना / अहिच्छत्र में संयुक्त प्रान्तीय दि. जैन समाज के अधिवेशन की सफलता में सर्वोपरि योग, समाज सुधार संबन्धी कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास कराए आन्दोलन शुरु किये / एक-एक, दो-दो मास के अन्तर से कानपुर, इलाहावाद आदि स्थानों में भी उस सभा के नैमित्तिक अधिवेशन कराए। इसी वर्ष वाराणसी में पंडित पन्नालाल बाकली वाख आदि सेवंगीय सर्वधर्म परिषद की स्थापना कराई, इन्डियन ऐसोसिऐशन फागली शिमला में अंग्रेजी में भाषण दिया (21-5-22) 1923 - दिल्ली के जिन बिम्ब प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन परिषद की स्थापना कराने में सर्व प्रमख योग। पानीपत चातुर्मास, "प्रवचनसार" की 'ज्ञ यतत्व. टीका (द्वि० भाग) लिखी, परिषद के मुखपत्र 'वीर" के संपा. दक हुए। सी० एस० मिलन आई० सी० एस. की अध्यक्षता में अंग्रेजी में भाषण दिया। (20-3-23) 1924 - इटावा चातुर्मास, "धर्म दिवाकर" की पदवी से विभूषित इटावा की विनयसागर नसिया का जीर्णोद्वार कराया, प्रवच नसार-टीका (त० भाग) लिखी / इटावा में जैन विद्यालय कन्या पाठशाला व प्राणीरक्षा सभा को स्थापना कराई। 1925 - बड़ौत चातुर्मास, दि०.जैन हाई स्कूल के लिए रू. 10000/ का दान कराया, पंचास्तिकाय-टीका (प्र. भाग) लिखी करहल में हुए संयुक्त प्रान्तीय दि० जैन सभा के अधिवेशन में अध्यक्ष पद से उद्बोधक भाषण दिया, जिसमें तीर्थ उद्वार एवं समाज सुधार पर विशेष बल दिया। 1926 - लखनऊ चातुर्चास, अजिताश्रम में चैत्यालय की स्थापना कराई गोम्मटसार की अंग्रेजी टीका के संपादन में बा० अजितप्रसाद की सहायता की / बैरिस्टर जे० एल० जैनी का देहान्त विधवा विवाह आन्दोलन उठाया। सेन्ट्रल जैन पब्लिशिंग हाऊस की लखनऊ में स्थापना कराई। (24)