________________ 95 श्रीमंत सेठ डालचन्द्र जी दिगम्बर जैन परिषद के अध्यक्ष बने / ब्रह्मचारी जी की शताब्दी समारोह एवं समापन में योग दिया है // कामना प्रभु से यही समाज-भूषण श्रीमंत सेठ सदा ही धर्म के प्रति बने रहें श्रद्धानी / अंतिम ब्रह्मचारी जी का स्वस्थ्य रूप से परिचय दिया है भाई // 36 / / मुझे विश्वास है कलिकाल में उनका अवतार हुआ था भाई / जो भल भटक मुझसे हुई हो उसे सुधार कर पढ़े सब भाई // देव-शास्त्र-गुरू के प्रति मैंने अपनी श्रद्धा, भक्ति अरु विनय दरसाई / "तन्मय" श्रद्धांजलि समर्पित कर यही श्री के प्रति कृतज्ञता दिखानी / / 40 // नोट:- सागर (म० प्र०) निवासी श्री राधेलाल समैया 'तन्मय' स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व० ब्रह्मचारी जी के परम भक्त रहे हैं / उन्होंने ब्र० जी को अन्तिम रुग्णावस्था में लखनऊ में रहकर उनकी अथक सेवा-परिचर्या की थी। उपरोक्त कविता में उन्होंने ब्र० जी के प्रति अपने श्रद्धा पूर्ण उद्गार व्यक्त किये हैं-सं.