________________ H-प्रत गच्छायारपइण्णय [गा. 1. मंगलमभिर्य प] 2882. गभिऊन महापीरं तिपर्मिदनमसिय मदानाम / गच्छाधार किंची उदारिमो मुयसामुदाभो // 1 // [गा. 2. उम्मन्नगाभिमच्छसवासे दागी] 2885, पाने गोषमा पानी ने उम्माम्मारिए। गच्छम्मि संचसित्ता भी मपरंप // 2 // [गा. 3-6. सदापारगच्छसवासे गुणार] 2886. नामदं जाम रिण परवं मासे भरणारं पिया। समानपाहिए गये संघमसामस्य गोयमा ! // 3 // 2880. तीजलसमागम निसन्महस्सा बीमम् / पेलोबिक्साह भन्नेमि महानुभागान साहुणे // 4 // 2888. उनमें सबथान्नु भोर-वीस्तथा / तवं संकं भाममा तस्स विस्थिं समुले // 5 // 2889. पीरियं तु जीवस समुच्चातिएण गोयमा ! / जर्मातरकर पाये पाणी मुहलेण निहो // 6 // [गा. 7-10 आयरियसस्तपण्यागादिगारो] 2890 मा निठणं निहाले गसम्मम्गपतिय / बमेव तत्व माजन्म गोयमा ! संजए मुणी // 7 // 2891. मेशी बालंबा सम दियी जाणे सुउत्तम् / सूत्री दोइ गच्छल तम्मा तंतु परिक्साए // 8 // 1. सानिया मिरा - meenam मw.gran સ્થિતિ અલ્કત + શુદ્ધ પ્રકાશનઃ પુસ્તકકારે પ્રકાશિત संपा६४ : 5. भुनिश्री पुष्यवि४य म... नाम : पइण्णयसुत्ताई मा : 2 |- प्रत संसारमाणमिदसणेमियावरणभियंतिसंविसमयसारसागवण्डोमवगरममयापासायगोसयविनानिमि माध्यमउव्यायामासदाचारितरकसा तिहाइसनरिएपरिसावासमासमपासाचदाश्कामाखासारख श्वकपिवासबालमुहाउलेगछ १३२सायावविहार सहसालयुगनिनबहानसान रिलिंगरिया मजमसायनिस्मा यात्रायास सरकवायारा कलमामनगररज्ञापयहियानातसकगडममतासानवशिलंगक्षसिजमाजापानि स्माराविहिपाजोगवाएझमुलेयछैचगाहाए।सो वाचासायखवायासवेसरकंदायागाश्यपक्सब्सलागावरखन एवियाडिदिसझंडानिएंद्दिचिहाजहहियेतिछयरसामासरासम्मनोनिगमयण्यासाश्क मातासाकाउशिसानसमुशिसाताश्वत्सहायारासू रात हायाराविरकस्तरामायसितिमिधिमयप्रणाम तिामायविएसमायनासाडीयासवएस नियमपासागाचमाश्रय पाउश्मसायशिकाधिनासी एलवसनसंघातम्प्रयासरताजहंकमारामारा दायरमामयसपहियापासाहलायालमा संसाराग गतहाईसम्पयनासाहससाइडमयाकरमापाग्वश्वस्वायरकमियाश्यराखणानियमावलीत एनाविनसकंकासिमप्रनिशानासियच्चपहाणेलासमासासिंज्ञा दसखियोगरागविसावादिविहारीका साहश्मलनाबाहायोचरणकरण विधिवत दिलीधरूवितावलमयमयसपहियाणासाहकमाउसहालसम हियासयमावकारशक्यएव्यत्ति विस्ममिकिशानलकमममगायक मध्यसाधनसियरधिकरतिकवदान कारखाना 15