________________ एवं पुरातात्त्विक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश में विशेषत: बुन्देलखण्ड में अतिशय क्षेत्रों पर शान्तिनाथ, कुन्थुनाथ और अरनाथ तीनों की प्रतिमाएं प्रतिष्ठित कराने का प्रचलन मध्यकाल में विशेष रूप से रहा है। यह तीनों ही कामदेव, चक्रवर्ती, हस्तिनापुर के निवास और तीर्थङ्कर थे। सम्भवतः जीवन समानता का यह तथ्य ही तीर्थङ्करों की मूर्तियों को एकत्र प्रतिष्ठित कराने में प्रेरक कारण रहा है (मध्यप्रदेश के दिगम्बर जैनतीर्थ-चेदि जनपद, पृ. 3) / आज भी 24 तीर्थङ्करों की मूर्तियों के निर्माण की परम्परा चौबीसी के रूप में चल रही है। यदि अरहनाथ की प्राचीन मूर्तियों का सर्वे कर उनका संरक्षण एवं मूर्ति शिल्प की दृष्टि से महत्त्वांकित किया जाये तो जैन-संस्कृति में एक सुनहरा पृष्ठ उद्घाटित हो सकता है। -54