SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 42
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषयक ज्ञातव्य संक्षेप में इस प्रकार है१. पूर्वभव का नाम 2. पूर्वभव के पिता 3. पूर्वभव के द्वीप 4. पूर्वभव की नगरी 5. पूर्वभव में कहाँ चयकर जन्में 6. वहाँ पर कौन थे 7. देवों के शरीर की ऊंचाइ 8. लेश्या 9. कितने समय श्वासोच्छ्वास 10. कितने समय बाद आहार 11. अवधिज्ञान और शक्ति की मर्यादा 12. सुख की मर्यादा 13. देवों की आयु 14. गर्भ तिथि (वर्तमान) 15. गर्भ नक्षत्र 16. गर्भ समय 17. जन्मभूमि 18. पिता का नाम 19. माता का नाम 20. गोत्र 21. जन्मतिथि 22. जन्म नक्षत्र 23. राशि 24. जन्म समय 25. आयु 26. ऊंचाई (शरीर) (क धनुष 4 हाथ का होता है) - अतिबल - सीमंधर - धातकीखण्ड - पुण्डरीकिणी - वैजयन्ती विमान - अहमिन्द्र - एक हाथ - शुक्ल - 16 मास - 33 हजार वर्ष बाद - लोकनाड़ी पर्यन्त - अप्रविचार जन्य - 33 सागर - श्रावणसुदी 2 - मघा - रात्रि - अयोध्या - मेघरथ - मंगला - काश्यप - चैत्रसुदी 15 - मघ - सिंह - पितृयोग - 40 लाख पूर्व - 300 धनुष *. (84 लाख वर्ष का पूर्वांग होता है 84 लाख पूर्वा का 1 पूव होता है ऐस 40 लाख पूर्व की आयु थी एक पूर्व में अनेक वर्ष होते हैं) -32
SR No.032866
Book TitleJain Vidya Ke Vividh Aayam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchandra Jain
PublisherGommateshwar Bahubali Swami Mahamastakabhishek Mahotsav Samiti
Publication Year2006
Total Pages216
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy