________________ के नाम से विख्यात हुए और दूसरे थे मोतीचन्द शाह जिन्हें आजादी के आन्दोलन में फांसी की सजा हुई। यह भी महत्त्वपूर्ण प्रसंग है कि अर्जुनलाल सेठी दक्षिण-भारत के बेलूर जेल में 56 दिन तक निराहार रहे थे। आदि विशेष ध्यातव्य है कि आजादी के 55 वर्ष बाद भी आजादी के आन्दोलन में जैन समाज के योगदान का प्रामाणिक आकलन नहीं हो पाया है। हम लोगों ने इस पर कार्य करना प्रारम्भ किया। ‘स्वतन्त्रता संग्राम में जैन' (प्रथम खण्ड) प्रकाशित हो गया है जिसमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान, छत्तीसगढ़ के जैन जेल यात्रियों का परिचय आ गया है। दूसरा खण्ड, जिसमें दक्षिण-भारत कबे स्वतन्त्रता सेनानियों का परिचय दिया जायेगा, पर अनुसन्धान जारी है। -172