________________ क्षयोपशम भाव चर्चा ओदइया बंधयरा, उवसम-खय-मिस्सया य मोक्खयरा। भावो दु पारिणामिओ, करणोभय-वज्जिओ होति / / अर्थात् औदयिकभाव बन्ध करनेवाले हैं, औपशमिक, क्षायिक और क्षायोपशमिकभाव मोक्ष के कारण हैं तथा पारिणामिकभाव, बन्ध और मोक्ष दोनों के कारण से रहित हैं।। (-धवला, पु. 7/9) - ब्र. हेमचन्द जैन ‘हेम'