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________________ अनुवादचन्द्रिका (संशोधित एवं परिवद्धित संस्करण) पं० चक्रधर हंस शास्त्री प्रथमा, मध्यमा के विद्यार्थियों को हिन्दी से संस्कृत अथवा संस्कृत से हिन्दी में अनवाद सिखाने के ध्येय से यह पुस्तक अत्यन्त लोकप्रसिद्ध है। इसमें विद्वान् अनुभवी लेखक ने इतनी आसानी से जटिल व्याकरण के विषयों को अनेक प्रकरणों में बांट कर पाइने की भाँति सामने रख दिया है जिससे विद्यार्थियों को संस्कृत में विशद्ध वाक्य बनाना सरल हो गया है। इसमें 'महावरेदार प्रयोग', 'लोकोक्ति संग्रह' 'निबन्धावली' 'शब्दभण्डार' (Glossary) 'वाच्यपरिवर्तन' 'व्यावहारिक शब्द संग्रह' आदि 30 प्रकरण दिये गये हैं। अन्त में पंजाब, पटना, बनारस की परीक्षाओं के प्रश्नपत्र भी दिये गये हैं। संस्कृतरचनानुवादचन्द्रिका पं० रामबालक शास्त्री हाईस्कूल की परीक्षा देने वालों को संस्कृत से हिन्दी में अनुवाद करने और उसमें प्रस्ताव आदि लिखने में बड़ी कठिनाई होती है। जयनारायण कालेज काशी के प्रवीण अध्यापक, संस्कृत के यशस्वी विद्वान् पं० रामबालक जी शास्त्री ने इस विशिष्ट पुस्तक में अपने अनुभवों से यह कठिनाई दूर कर दी है। शास्त्री जी ने प्रत्येक प्रान्त के पाठ्य की परीक्षा देने वालों को संस्कृतस्तक प्रारम्भिक परीक्षा देनेवाले सभी स्तिाव आदि लिखने में बडी कठिनाई होती रूप में आधुनिक ढंग से संस्कृत अध्यय अध्यापक, संस्कृत के यशस्वी विद्वान पं. अत्यधिक सहायक सिद्ध होगी। ट पुस्तक में अपने अनुभवों से यह कठिनाई च के पाठ्य की परीक्षा देने वालों को मोतीलाल बनारसीदास पब्लिशर्स प्रा. लि. दिल्ली मूल्य : रु० 35
SR No.032858
Book TitleAnuvad Kala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorCharudev Shastri
PublisherMotilal Banarsidass Pvt Ltd
Publication Year1989
Total Pages278
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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