________________ नित्य नियम पूजा [ 215 अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं / ॐ ह्रीं श्री चांदनगांव महावीर स्वामीन् अत्र मम सन्निहितो भव२ वषट् सन्निधिकरणं / अथाष्टक क्षीरोदधि से भरि नीर, कंचनके कलशा / तुम चरणनि देत चढाय, आवागमन नशा / / चांदनपुरके महावीर, तौरी छवि प्यारी / प्रभु भव आताप निवार, तुम पद बलिहारी // 1 / / ___ॐ ह्रीं श्री चांदनगांव महावीर स्वामीने जलं नि / मलयागिरि और कपुर, केशर ले घस्यों। प्रभु भव आताप मिटाय, तुम चरन परसों ।चांदन चंदनं तंदुल उज्ज्वल अति धोय, थारी में लाऊ। तुम सन्मख पूज चढाय, अक्षयपद पाऊँ ।चांदन अक्षतं / / बेला केतकी गुलाब, चंपा कमल लाऊ / दे काम बाण करि नाश, तुमरे चरण दऊं।। चांदन.।पुष्प। फेनी गुंजा पकवान, मादक ले लीजे / करि क्षुधा रोग निरवार, तुम सन्मुख कीजे चांदन.निवेद्य धृत में कपूर मिलाय, दीपक में जारों / करि मोह तिमिरको दूर, तुम सन्मुख बारों / चांदन. दीप। दश विधि ले धूप बनाय, तामें गंध मिला। तुम सन्मुख खेऊ आय, आठों कर्म जला ।।चांदन.धूपं / / पिस्ता किसमिस बादाम, श्रीफल लोंग सजा। श्री वर्द्धमान पद राख; पाऊ मोक्ष पदा / चांदन. फलं॥