________________ नित्य नियम पूजा [11. ( पीठपर श्रीकारलेखन) श्रीशारदासुमुखनिर्गतवीजवर्ण। श्री मंगलीकवरसर्वजनस्य नित्यं / / श्रीमत्स्वयं क्षयति तस्य विनाशविघ्नं / श्रीकारवर्णलिखितं जिनभद्रपीठे // 6 // ॐ ह्रीं श्रीकारलेखनं करोमि स्वाहा // 6 // ( अग्निप्रज्वालनक्रिया) दुरन्तमोहसन्तानकान्तारदहनक्षमम् / दर्भः प्रज्वालयाम्यग्नि ज्वालापल्लविताम्बरम् // 7 // ॐ ह्रीं अग्निप्रज्वालयामि स्वाहा // 7 // (दशदिक्पालक आह्वान ) इन्द्राग्निदंडधरनैऋतपाशपाणि / वायूत्तरेण शशिमौलिफणींद्रचन्द्राः / / आगत्य यूयमिह सानुचराः सचिन्हाः / स्वं स्वं प्रतीच्छत बलिं जिनपाभिषेके // 8 // (दशदिक्पालक भंत्र) * आं क्रौं ह्रीं इन्द्र आगच्छ आगच्छ इन्द्राय स्वाहा // 1 // ॐ क्रीं ह्रीं अग्ने आगच्छ गच्छ अग्नये स्वाहा // 2 // .ॐ क्रों ह्रीं यम आगच्छ आगच्छ यमाय स्वाहा // 3 // & आक्रो ह्रीं नैऋत आगच्छ आगच्छ नैऋताय स्वाहा // 4 // आं प्रौं हीं वरुण आगच्छ मागच्छ रणाय स्वाहा // 5