________________ कथा साहित्य 113 66. कुवलयमाला पृ० 58-56 70. स०क० पृ० 3 71. आ०क०को० भा०२ पृ० 135, (पु०क०को० पृ० 16, दो हजार वर्ष पुरानी - कहानियाँ पृ० 31, 66 72. पु०क०को० पृ० 82 आ०क०को० भा०२ पृ० 53 73. पु० क०को० पृ० 230, आ०क०को०भा०२ पृ० 73 74. कुवलयमाला पृ० 65, 68 75. दो हजार वर्ष पुरानी कहानियाँ - "माकन्दी पुत्री की कहानी" 76. आ०क० को० भाग 2 पृ० 46, पृ० 65 दो हजार वर्ष पुरानी कहानियाँ, पृ० 41 77. पु०क०को० पृ० 276 78. कुवलयमाला पृ० 152 76. आ०क०को०भा०२ पृ० 8, 35, 107, 146, 154 पर विभिन्न कथाएँ 80. अनेकान्त भा०५ पृ० 366, भा०२१ पृ० 54-84 81. बृ० क०को०पृ० 246 82. पु०क०को०पृ० 13 83. पु०क०को० पृ०३५७, वृ० क०को०पृ० 317, आ०क०को०भा०२ पृ० 165-167 84. प्रे० अ० ग्र० पृ० 251 85. पु० क०को० पृ० 47 86. आ०क०को० पृ० 34, दीधनिकाय की अट्ठकथा२ पृ० 516 में वैशाली की न्यायव्यवस्था का उल्लेख है। 87. जातक 4 पृ० 28, उ०सू० 6/30, जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज पृ० 64-65 88. जैन कथाओं का सांस्कृतिक अध्ययन पृ० 153-154 / पु०क०को०पृ० 255 86. आ०क०को० भा०२ पृ० 218 60. आ०क०को० भा० 1 पृ० 142 61. पु०क०को०पृ० 146 62. जैनागम में भारतीय समाज पृ० 81-83, आ० प्र०भा० पृ० 361, 362, आ०क०को०भा०२ कथा 5 63. पु०क०को० पृ० 82 64. आ० प्र०भा० पृ० 354 65. पु०क०को० पृ० 47 66. आ०क०को० भा०२ पृ० 22 67. आ०क०को०भा०२ पृ० 36 68. आ०क०को०भ०२ पृ० 36