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________________ काङ्कितो यश्च तद्विधः] महाभारतस्थ [काञ्चना मणिचित्राङ्गाः काङ्कितो यश्च तद्विधः 13. 101. 40". काङ्कितो हि मयैषोऽर्थः 5. 115. 4. काङ्कितो ह्यसि मेऽतिथिः 3. 279. 14. काङ्केत मतिमान्नरः 13. App. 15. 1420 post. काङ्केत विधिपूर्वकम् 13. App. 15. 1414 post. काङ्ग्रेऽहं परमं तब 12. App. 17B. 112 post. का च त्वं कस्य चात्मजा 1. 206. 174. का चर्या गृहमेधिनाम् 13. App. 15. 816 post. का च वीः परिकीर्तिता 3. App. 19. 9 post.; App. 32. 2 post. काचं वङ्गाधिपं तथा 2. 27. 224. काचा म्लेच्छाश्च सर्वशः 12. 65. 14. का चासि वरवर्णिनि 1. 142. 3. का चास्य गतिरिष्यते 12. 121.1. काचित्प्रीतिर्जनाधिप 3. 91. 11. काचित्मपत्नी तव वासुदेवं 3. 223. 89. काचिदन्या महीतले 4. App. 12. 7 post. काचिदस्ति नितम्बिनी 4.507*. 1 post. काचिदस्तीति निश्चयः 12. 261. 55. काचिदासीत्कुटुम्बिनी 12. 211. 14. काचिदोरेण चक्षुषा 13. App. 9A. 93 post. काचिद्धात्रेयिकामृते 3. 292.3. का चिन्ता मयि तेऽनघ 12. 352. 6. का चिन्ता महती भूप 7. 308*. 4 pr. का चैका वृश्चते यज्ञं 3. 297. 34. का जातिस्तेषु सूतेयं 4. 842*. 1 pr. काञ्चनद्रुमसंनिभम् 3. 40.2". काञ्चनप्रतिमैर्योक्त्रैः 7. 22. 24". काञ्चनप्रभकेसरैः 13. 80.21. काञ्चनशृङ्खलानद्धां 7. 220*. 2 pr. काञ्चनस्तम्भसंकाशं 8. 40. 106'. काञ्चनस्फाटिकानि च 4.917*. 6 post. काञ्चनस्य च निःस्रवात् 1. 16. 26". काञ्चनस्य महागिरेः 7. 80. 4. काञ्चनस्य महायुतेः 1. 216. 34". काञ्चनस्याकरः श्रीमान् 7. App. 8. 307A3pr. काञ्चनस्रगलंकृताः 7. 80. 4. काञ्चनस्रग्भिरण्यामिः 14. 58.6". काञ्चनस्रग्वतां रवैः 6. 19. 41'. काञ्चनस्रग्विभूषितान् 13. 106. 19. काञ्चनस्रजमास्थितः 2. App. 21. 1400 post. काञ्चनं कलशं गृह्य 13. App. 15. 214 pr. काञ्चनं कवचं बिभ्रत् 1. 125.9". काञ्चनं कृतवर्मणे 5. 92. 47d. काञ्चनं च महात्मानं 9.44. 43". काञ्चनं चायसं चैव 12.313. 37. काञ्चनं तारकाक्षस्य 8.24. 18. काञ्चनं दिवि तत्रासीत् 8. 24. 150. काञ्चनं पवनोद्धृतं 7.80. 11". काञ्चनं पादपीठं तु 5. 58.8". काञ्चनं प्रतिगृह्याथ 13. App. 14A. 52 pr. काञ्चनं भुवि मानवैः 13. App. 15. 3254 post. काञ्चनं महदासनम् 5. 58.6%; 87. 18. काञ्चनं यद्यदस्यासीत् 7. 43.20%. काञ्चनं रजतं वज्रं 2.27. 26deg. काञ्चनं रथमास्थाय 2. 2. 12". काञ्चनं वल्कलानि च 12. 126. 22. काञ्चनं विष्टरं तस्मै 1.54. 11". काञ्चनं संप्रदायाशु 13. App. 15. 3249 pr. काञ्चनं सिंहलालं 4. 41. 3. काञ्चनं सूक्ष्मवस्त्रकम् 2. 477*.9 post. काञ्चनः शैलराडिव 9. 31. 55%; 54. 15t. काञ्चनः सुमहान्पादः 14. 4. 250. काञ्चनाक्षो जलंधमः 9. 44. 53. काञ्चनाग्राणि भास्वन्ति 2. App. 21. 1214 pr. काञ्चनाङ्गदकेयूरैः 6. 17. 17. काञ्चनाङ्गददीप्तांश्च 5. 150. 19. काञ्चनाङ्गदभूषणाम् 9. 31. 354. काञ्चनाङ्गदवर्माणौ 11. 25. 27". काञ्चनाङ्गदिनः पीनाः 5. 166, 38. काञ्चनाङ्गदिनः सर्वे 12. 4. 90. काञ्चनाङ्गदिनो रेजुः 6. 18. 6deg. काञ्चनाङ्गदिनौ शेषे 11. 20. 12. काञ्चनाञ्जनराजतैः 3. 146. 244. काञ्चनानां महामुने 13. 55.64. काञ्चनानि च दामानि 4.917*. 12 pr. 6. 112. 133%. काञ्चनानि च भाण्डानि 2. App. 15. 242 pr. काञ्चनानि च लोहानि 14. App. 4. 2651 pr. काञ्चनानि बहूनि च 5. 150. 22. काञ्चनानि विचित्राणि 1. 26. 41. काञ्चनानीव शृङ्गाणि 7.80.4". काञ्चनान्पुरुषर्षभ 14.90. 28. काञ्चनारत्नभूषितान् 13. 20. 32.. काञ्चनाभरणं चित्रं 1, 15.60. काञ्चनाभरणं दिव्यं 2. App. 12. 24 pr. काञ्चना मणिचित्राङ्गाः 6. 16. 30%. -688
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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