________________ काकवर्णा दुराचाराः] श्लोकपादसूची [काङ्कितो दानवान्नद्भिः काकवर्णा दुराचाराः 7. 493*.1pr. काक तं समुदैवत 8. 28. 43. काकं भासं च मूषकम् 12. 159. 534. काकं मन्दगतिं तदा 8. 336*. 2 post. काकः पातशतेन च 8. 28. 324. काकः श्वानोऽकुलीनश्च 12. App. 12. 1 pr. काका इव द्विजोत्तमाः 3. 188. 61. काका इव महानागं 7. 21. 27. काकाण्डकनिभास्तथा 3. 186. 67. काकानन्यांश्च पक्षिणः 8. 28. 49. काकिण्योऽपि महाफलाः 12. 282. 16. काकी च हलिमा चैव 3. 217. 9. काकीमुखं ककारान्तं 6. App. 3. 68 pr. काकी श्येनी च भासी च 1. 60. 54". काकुत्स्थं दैन्यमास्थितम् 3. 275.7". काकुदीक शुकं नाकं 5.94. 386. काकेन बडिशेनेमां 12. 83. 389. काके निपतितः प्रभो 12. 83. 364. काकेनेमांश्चित्रबर्हान् 2. 55. 9". काकैरिमांश्चित्रबन्मियूरान् 5. 37. 19". काको जायति दुर्मतिः 13. 558*. 3 post. काकोऽथ हंसं चापल्यात् 8. 331*. 1 pr. काको दृढं परिश्रान्तः 8. 28. 47. काकोऽद्याच्च पुरोडाशं 12. App. 2. 50 pr. काको बहूनामभवत् 8. 28. 11. काको भूत्वा निपतने 8. 28. 21. काको मामिति चिन्तयन् 8. 335*. 1 post. काकोल इव कृष्णाङ्गः 12. 141. 11". काकोलूकं तथैव च 12. 37. 18. काकोलूकाश्च केतुषु 9. 61*. 4 post. काको वा कङ्कगृध्रो वा 9. 368*: 2 pr. काको वा मूषिको वापि 2. App. 21. 416 pr. काको वेगादहीयत 8.333*. 2 post. काको हंसपराजितः 8. 349*. 1 post. काक्षाः सामुद्रनिष्कुटाः 6. 10. 47. काक्षीवादीन्सुतानृषिः 2. 19.5. काक्षीवानिव मोदते 3. 82. 89. काक्षेण भर्तृन्कुपितानपश्यत् 2. 60. 35%. का गतिभंगवस्तस्य 13. App. 14.62 (subst.) 2 pr. का गतिमें क वत्स्यामि 1. App. 86. 39A 12 pr. कागहा बगहा वत्स- 2. 369*. 1 pr. काङ्क्षता परलोकं च 7. 122.72. काङ्क्षतां विजयं युधि 8. 182*. 1 post. काङ्गतां विपुलां कीर्ति 3. 34. 19. काङ्क्षते ज्ञातिसौहार्दात् 5. 142. 4. काङ्क्षते स युधिष्ठिरः 2. 152*. 4 post. काङ्क्षन्तं दर्शनं कुम्त्याः 15. 29. 17. काङ्क्षन्तः कर्मणां सिद्धिं 6. 26. 12". काङ्कन्ति स्म विशेषेण 3. 51. 21. काङ्क्षन्ते दर्शनं तुभ्यं 14. 93. 60. काङ्क्षन्ते पाण्डवाः स्वकम् 5. 20. 14. काङ्क्षन्ते पुत्रमापदि 1. 111. 304; 1181*. 3 post. काङ्क्षन्तो दर्शनं वह्वेः 13. 84. 20. काङ्क्षन्त्योर्विपुलं जयम् 8. 19. 754. काङ्क्षम्भीमपराक्रमः 7. 919*. 1 post. काङ्क्षमाणः स सौभराट् 3. 15. 11. काङ्क्षमाणा जयं युधि 6.74. 364. काङ्क्षमाणां रतिं चैव 1. 1604*. 3 pr. काङ्क्षमाणाः शिवं पदम् 12. App. 29E. 258 post. काङ्क्षमाणाः श्रियं कृत्स्नां 12. 34. 30. काङ्खमाणो द्विजस्तदा 12. 164. 26'. काङ्खमाणो मया युद्धं 4.56. 2. काङ्खमाणो वधं तस्य 4. 437*. 1 pr. काङ्खमाणोऽहमासिष्ये 1. 110. 356. काङ्खमाणौ जयं चैव 1. 142. 14. काङ्क्षसे भरतर्षभ 2. 50. 4. काङ्क्षसे लोभमोहिता 13. App. 1A. 107 post. काङ्क्षस्व युद्धं भरतर्षभेण 6. 22. 164. काङ्क्षामस्तु वयं सर्वे 12. 314. 37. काङ्क्षामो यदनामयम् 12. 293. 21. काङ्क्षावहे द्वारपते तवाज्ञाम् 3, 133. 34. काटिणः सर्वकामानां 3. 898*. 1 pr. काति-तस्य च मे पितुः 7. 39. 74. काङ्कितं च द्विजोत्तम 14. 93. 24. काङ्कितं नो महामुने 12. 315. 4. कासितं पुरुषर्षभ 5. 119. 18. काङ्कितं भरतर्षभ 7. 50. 65. काङ्कितं मे चिरं प्रति 5. 94. 20. काङ्कितं यद्यदिच्छति 2. 72. 250. काङ्कितं यनरर्षभ 3. 41. 5t.. काङ्कितः प्रपितामह 1. 32. 17'. कासिता रूपतो बाला 5. 113. 12. कासिताश्च ततोऽन्यथा 12. 28. 114 कासिता सा गतिः परा 3. 247. 24. काङ्किता सा परा गतिः 3. 1191*. 1 post, कातितो दानवान्नद्भिः 6. 15. 380, -687 -