________________ उच्चैश्च चतुराशीतिः] महाभारतस्थ [ उच्छुसम स जीवति उच्छिष्टानेन पुष्टोऽहं 8. 343*. 1 pr. उच्छिष्टापनये पुनः 2. 344*. 2 post. उच्छिष्टाश्चास्पृशन्घृतम् 12. 221. 584. उच्छिष्टास्मीति मन्वाना 3. 2. 60. उच्छिष्टेनात्मनस्ततः 3. 246. 17. उच्छिष्टैर्भाजनैस्तदा 16. 4. 314. उच्छिष्टोत्सर्जनं चैव 13. 107. 480. उच्छिष्टो न स्पृशेच्छीर्ष 13. 107. 35*. उच्छिष्टो न स्पृशेदग्निं 14. App. 4. 2239 pr. उच्छीर्षतश्च कृष्णस्य 5.7.6deg. उच्छीर्षतश्चासनस्थं 5. 34*. 1 pr. उच्छीर्षे संस्थितं तदा 5. 35*. 1 post. उच्छेत्तारः कुलं कृत्स्नं 16. 2. 9. उच्छेदनिष्ठा नेहास्ति 12.212. 6". उच्छेदो नास्ति तामसः 12. 212. 35. उच्छेषपरिशेष हि 13. 24. 49. उच्छोष्यास्त्रगभस्तिमिः 7. 31. 44. उच्छ्रयन्तु तवामिभोः 4. 33. 17". उच्चैश्च चतुराशीतिः 6.7. 10. उच्चैश्चाप्यवदनरात्रौ 12. 221. 54". उच्चैः प्रचुक्रोश च कौरवायः 10. 10. 30deg. उच्चैः प्रचुक्रोश हृतेति देवी 3. 1204*. 6. उच्चैः शब्दमकुर्वत 7. 326*. 1 post. उच्चैः शब्दमथानदन् 7. 134. 11. उच्चैःश्रवसमन्तिकात् 1. 15. 10; 19. 2. 13. App. 1A. 76 post. उच्चैःश्रवसमप्यश्वं 12.226. 15. उच्चैःश्रवसमश्वानां 6. 32.27 . . उच्चैःश्रवसि गान्धर्वे 13. App. 1A. 93 pr. उच्चैःश्रवस्तुल्यबलं 7. 10.30. उच्चैःश्रवा नु किंवर्णः 1. 18. 2". उच्चःश्रवा भद्रकारः 1. 89. 46%. उच्चैःश्रवा वरोऽश्वानां 8. 5. 21". उच्चैःश्रवाश्चाश्वराजः 5. 100. 12. उच्चैःश्रवा हयश्रेष्ठः 9. 44. 14". उच्चैःश्रवाः सोऽश्वराजः 1. 49. 6. उच्चैः सममिभाषन्तौ 3. 183. 178 उच्चैः संतयं पाण्डवम् 7. 915*. 1 post. उच्चैः संनादयन्दिशः 7. 159. 224. उच्चैः सूर्यमुपप्लव्यं 5. 135. 30. उच्चैः स्थाने घोररूपः 12. 88. 10. उच्चैः स्थावरजङ्गमम् 12. 320. 24deg. उच्छिखः सुरसो द्रङ्गः 1.52.8. उच्छिद्यते धर्मवृक्तं 12.91.80. उच्छिद्यमानमात्मानं 12. 69. 176. उच्छिष्टकृतभोजनः 8. 28. 11'. उच्छिष्टदर्पितः काकः 8. 28. 17. उच्छिष्टदर्पितो हंस 8. 28. 49". उच्छिष्टभोजनात्काकः 8.28. 55. उच्छिष्टभोजिनो मन्दान् 12. 11.7. उच्छिष्टमपि चामेध्यं 6. 39. 10. उच्छिष्टमुपभुजानाः 1. App. 100. 12 pr. उच्छिष्टश्चास्पृशद्धृतम् 12. 218. 13. उच्छिष्टं तु यवक्रीतम् 3. 137. 14. उच्छिष्टं नैव भुञ्जीयां 3. 62. 38. उच्छिष्टं भुञ्जते भर्तुः 3. 197. 120. उच्छिष्टं वापि छिद्रेषु 13. App. 14. 206 pr. उच्छिष्ट स्थापयेद्विप्रः 14. App. 4. 2835 pr. उच्छिष्टः पुनराचमेत् 13. App. 10. 129 post. उच्छिष्टः स भवेद्राजा 12. App. 8. 3 pr. उच्छिष्टानशुचीन्क्षुद्रान् 13. App. 14. 452 pr. उच्छ्रयेण महागिरिम् 2. App. 12. 28 post. उच्छ्राया विनिपातान्ताः 12. 220. 100%. उच्छ्रितध्वजसंनिभम् 1. 64. 14". उच्छ्रितं काञ्चनायुतम् 2. App. 21. 1239 post. उच्छ्रितं चातिशृङ्गं च 9. 44. 450. उच्छ्रितं फणिवद्दीधैं 4. 704*. 21 pr. उच्छ्रिता काञ्चने दण्डे 4. 53. 10. उच्छ्रितानाश्रयेत्स्फीतान् 12. 120. 126. उच्छ्रितानां यशस्विनाम् 5. 95. 15. उच्छ्रितानि परस्परम् 13. App. 15. 3685 post. उच्छ्रितांस्तु भुजान्केचित् 14. 85. 15. उच्छ्रिताः परमध्वजाः 7. 80. 28. उच्छ्रितेन महारथे 6. 44. 480. उच्छ्रितेन विराजसे 4. App. 4D. 26 post. उच्छ्रितेन्द्रध्वजोपमैः 7. 63.14. उच्छ्रिते रत्नभूषिते 1. 506*. 2 post. उच्छ्रितेव रथे माया 10. 13. 3. उच्छ्रित्य केतुं विनदन्महात्मा 4. 60. 1. उच्छ्रित्य बाहू दुःखातः 3. 281. 94. उच्छ्रित्य बाहू दुःखार्ता 14. 65. 27deg. उच्छ्रित्य मकरं केतुं 3. 18. 2". उच्छुसद्गण्डयुगुलं 4. 774*. 2 pr. उच्छ्रसन्को न जीवति 3. 297. 38. उच्छसन्न स जीवति 3. 297. 39". -440