________________ उच्छृसित्यपि वा पुनः] श्लोकपादसूची [उत ते वेद कर्माणि उच्छसित्यपि वा पुनः 14. 19. 39. उज्जद्दुः सात्यकार्णवात् 7. 31. 676. उच्छ्रासपरमस्य च 1. 196. 22'. . उजानक इति स्मृतः 3. 193. 15%; 195.7. उच्छासपरमाः सदा 12. 254. 14.. उज्जानक उपस्पृश्य 13. 26. 52". . उच्छ्रासपरमो नृपः 1. 196. 18. उजिहानास्तथेतराः 13. App. 10. 32 post. उच्छ्रासमात्रमपि चेत् 14. 48. 20. उजिहीर्घर्धनंजयः 8. 58. 14. उच्छासार्थे पुरस्य ह 12. 69. 42. उजिहीवुर्निमज्जन्तं 8.28. 44. . उच्यतामिति तद्वत्साः 12. 314. 34deg. उजिहीर्षमहारथः 7. 118. 884. उच्यतां तद्यथातथम् 4. 1143*. 1 post. उजिहीर्षुस्तदा शल्यः 9. 10. 10. उच्यतां द्विज यत्कार्य 12. 352.3. उजिहीर्घः शिरः कायात् 7. 1017*. 2 pr. उच्यतां यन्मया कार्य 3. 219. 15. उजिहीर्षः सुयोधनम् 8. 51. 33. उच्यतां स्वागतमिति 1. 1. 75. उज्झन्बिभ्रच्च यो द्विजाम् 12. 159. 26deg. उच्यते च सदा बुधैः 13. 52. 11. उज्झितैर्वृषभाक्षाणां 8. 479*.2 pr. उच्यते भरतर्षभ 13. 146. 5. . उन्छधर्मास्तथैव च 13. App. 3. 18 post. उच्यमानस्तथापि स 5. 94. 22. उच्छन्ति ये समीपस्थाः 13. 129. 45. उच्यमानं च यः श्रेयः II. 12.50. उञ्छन्ति सततं तस्मिन् 13. 129. 37. उच्यमानं त्वयानघ 5.78. 164. उम्छमप्राप्तवानेव 14. 93.79. उच्यमानं निबोध मे 13. App. TA. 31 post., 56 post. उञ्छमार्जयते पुनः 3. 246. 19. उच्यमानं मयानघाः 13. 154. 194. उञ्छमुज्छन्ति धर्मज्ञाः 13. 129. 39. उच्यमानं मया सम्यक् 8. 30. 48. उन्छयन्ति तथापरे 13. App. 15. 706 post. उच्यमानं महाबाहो 9. 4. 6. उञ्छ वृत्तिकलेवरम् 4. 175*. 16 post. उच्यमानः पुनः पुनः 12. 103. 354. उच्छवृत्तिर्ऋषिः कश्चित् 12.264. 39. उच्यमानानि मुख्यानां 1. 52.3. उञ्छवृत्तिर्गृहस्थो यः 12. 184. 180. उच्यमानान्यनेकशः 1. 584*.2 post. उञ्छवृत्तिर्द्विजः कश्चित् 14. 93. 2. उच्यमानो न गृह्णीषे 7. 110. 250. उञ्छवृत्तिव्रते सिद्धः 12. 351. 1. उच्यमानोऽपि लोकेन 12. 132. 14. उञ्छवृत्तिस्तु सब्रीडः 14. 93. 40deg. . उच्यमानो महाराज 8. 4. 56*. उञ्छवृत्तिः शिबिर्बलिः 2. 225*.7 post. उच्यमानोऽसकृत्प्रेष्यैः 3. 139. 150. उञ्छवृत्तेर्यथावृत्तं 14. 92. 21. उच्यसे वेदपारगैः 12. 291. 3. उञ्छवृत्तेर्वदान्यस्य 14. 92.79, 19. उजगारारविन्दाक्षः 12. 336. 36. उञ्छवृत्तेः पुरावृत्तं 12. 264. 2. उज्जयन्तश्च शिखरी 3.86. 18%. उञ्छं मूलं फलं शाकं 14. 94. 300. उज्जयन्ते स्म तप्ताङ्गः 3. 86.20deg. . उज्छस्तदा शुक्लपक्षे 14.93.70. उजयोनिरदापेक्षी 13. 4. 58. उटजस्थस्तु तं विप्रः 13. 2. 639. उजहार ततः शीघ्रं 13. App. 1A. 384 pr. उटजं कृतास्तु सः 13. 10. 17. उजहार ततोऽवरात् 1. 73. 226. उटजं वा तथा ह्यस्य 13. 40. 43. उज्जहार ततो वैन्यः 12. 132*. 2 pr. उटजात्तु ततस्तस्मात् 13.2.76%. उजहार बलाब्रह्मन् 1. 16.7. . उडुकश्च महाबलः 9.265*. 1 post. उज्जहार महारथम् 8. App. 4. 12 post... उडुपप्लवसंतारः 1. 79. 190. उज्जहार महीं तोयात् 2. App. 21. 144 pr. [उ डीन एष विहंगमः 1. 343*. 3 post. उजहार वसुंधराम् 13. App. 14. 495 post. उड्डीनमवडीनं च 8. 28. 24". उजहार विषाणेन 2. App. 21. 162 pr.. उड्डीनान्पुनरागतान् 12. 253. 32. उजहार. शरं घोरं 7..App. 16.78 pr. , उत जाताः सुनक्षत्रे 12. 173. 43. उजहारामृतं तूर्ण 13. App. 1A. 431 pr. उत तत्रापि नानात्वं 13. 105. 1. उजहुरुदरात्तस्याः 1. 57. 49. . उत ते वेद कर्माणि 5. 75. 20. पादसूची-56 -441 -