________________ आठमो] गोरा वादल पदमिणी चउपई सीता बाहर रामचंद' कीइ, द्रुपदी' हरि लेइ पाँडुवा दी। पदमिणि असुरों छुटइ नही, रे! रे! जीव! मरण तुझ सही // 372 // // कवित्त // दइ' पोलि' छिटकाइ', भन्या गढ तुरक नभाया। अउर गई घढ मंडि, साथि लसकरी सवाया। आवत मिलीउ राउ, तब हि कीधी भुंजाई / "त्रीस सहस जुडि गया, साथि लसकरी सवाई। "खाण खाइ ऊठि जवहि, पकडि बाँह राजा ली। 'वात करत लंघाइ पोलि, रतनसेन काठ की // 373 // 'करे कटक अलावदी, आइ चीतोडि विलग्गः / 'वाच बंध दे छलिउ, राउ भूलउ मति भग्ग। कन्यउ मंत्र मंत्रियाँ, राउ छोडावे लिजई। 'झूझण भलउ न होइ, पलटि पदमावति दिजइ / "तनु दहुं जीभ खंडवि मरूं, जोगिणिपुरि पति पेखसुं। पदमिणी नारि इम उच्चरइ - “अब किस सरण उवेखस्यु // 374 // 'बाइ ! सुणी इक वात? हुई बाजार सवारी। 'पदमिणि धउ पतिसाह, दुरंगू गढ राउ उवारी / 'खीमकर्ण भुज मंत्र, देल्ह पदमसी वयट्ठा। "मिल्या पंच पंचार, सुभट सइँबल्य न दिट्ठा' 'चीतोड चौरास्या सवि जुड्या, ताँ नवि सरणइ ऊवलं ! 'नविर९ सेज सुलिताणकी, अबहुँ जीह खंडवि मरूं" // 375 // // 372 // १रामै D / 2 द्रोपती D / 3 पांडव DI 4 पदमणी | ५छटै DI AE प्रतियों में नहीं है। // 373 // 1 देइ BC | 2 पउलि BOD| 3 य BCD | 4 निभाया BCD| 5 अवर गए गढ माहिं BODI 6 खांणा खाइ उठियउ, कोट गढ सहु दिखलायउ खाय D, उठीयो , उठीया D, सब D, दिखलायो G, (दिखलाया D) BODI 7 खुसी हुवा (हुया B) पतसाह (पतिसाह D), देखि छल (छलि०) व्यासि सिखायउ (सिखायो 0, सिखाया D) BODI 8 सुभट सहू कायर हूवा (हुया B), बांहि (बांह CD) साहिराजा लियउ (लियो , लिया D) BCDI 9 पोलि लंधि बहु वात करि, रतनसेन ('नि D) काठ (काठो , काठी D) कियउँ (कियो , कियौ D) BCD | E में नहीं है। // 374 // 1 विकल एक...,...चित्रोडि (चित्रकोटि D) विलग्गउ। 2 बोल बंध दे छल्यो, राण भूलउ (भलो , भूली D)...BCD / ३...(करउ A, करिउ D) मंत्र मंत्रीए राण छोडावी (छडावि D) लीजह (लीजै D) BODI ४...(भलौ D)..., पकडि...दीजइ (दीजै D) / 5 तन दहउ...मर, जोगणि हउं पति न पेखु इसु Bc,..., आलम घरि पिख्यु नही / / 6 पदमणि D / 7 उच्चरै D / ८...सरणइ हूं पइसू BO, सु अब किणि सरणै हुं रही DIA 358 / / 415 / 8 423 / D 448 / E में नहीं है। // 375 // 1 सखी सुणउ (सुणो , सुणी D)..., मंत्री हम वात सवारी (समारी D) / 2 (पदिमिणि 0, पदमिणि D), (यो , दिउ D)..., पुरंग्गठ...उगारी (उब्वारी D) / 3 खीमकरण (खेमकरण D)...,... बइठा (बयठा D) / ४...कोइ सत्त न दीठा। ५चित्रोडि (चित्तोडि D) चओरास्यां (चौरांस्यां D) सब मिल्या, त्यां नवि सरणइं (सरण D) ऊगरूं (ऊबरूं D) / ६...रहउ (चडूं D)...सुलताणकी, अबहि जीभ खंडवि मरउ BCD I E प्रतिमें नहीं है।