________________ कवि हेमरतन कृत [खंड गोरा' रावत' अति गुणी, वादल अति बलवंत / बोलिसु वात बिहुं तणी', सुणियों सगला संत // 7 // रतनसॅन राजा तणइ', छलि हुआ अति छेक।। गोरउ' वादल' " गुणी', सत्तवंत सविवेक // 8 // युद्ध' करी जिम जस लीउ, घसुहा' हुआ विख्यात / चित्रकोट' चावउँ की, ते निसण सहु वात // 9 // ॥चोपई // चित्रकूट' पर्वत चउसाल', वसुधा-लोचन जैसु विसाल। सुर-नर-किंनर तणउ "निवास, रॉम रहा था जिहाँ वनवास // 10 // गिरवर ऊपरि' दृढ' दुरंग, विषम ठाम गढ अति हि उतंग / गयणह' पडण विधाता डरी, जाणि कि थंभ दी थिर करी // 11 // विषम' घाट गढ विसमी पॉलि, अति उंची कोसीसौं ऑलि / संचा मॉहि घणा साँसता', अणभंग कोट घणी आसता // 12 // वॉक' दुवारा विसमी गली', विकट कोट अति विसम वली। 'अणजाणिउ न सकइ नीकली', कद ही कोइ न सक्कइ कली // 13 // माहि मनोहर' महल अनेक, सगला लोक वसई सविवेक / त्याग भोग सहु लाभई तिहाँ, सुर 'इम जॉणइ इणि गढि रहा // 14 // // 7 // 1 गोरो Bc / 2 राउत B, रावति / 3 बादिल A, बादल / / 4 सुं०। 5 बेहूँ० सुणिज्यो / 7 सघला BCI ___ गोरा वादल रिण गहिल, बिन्है सुहड बलिवंत / बोलिस वात हुई यथा, सुणयो सगला संत // 7 // // 8 // 1 तणे / / 2 हया , राखी / 3 कुल / 4 टेक।। ' हूया , राखी / 3 कुल E / 4 टेक।। 5 गोरो BCB | 6 बादिल / / 4 सहिमा / / 6 सतधारी / / 6 मुविवेक CB | // 9 // 1 जुद्ध Bc / 2 लीयउ B, लीयो / 3 वसुहाँ B, वसुधा 0 / 4 हुयउ B, ह्या / ५चित्रकोटि 0 / 6 चावु A, चावो / ७कियउ B, कीयो०। 8 निसुणो / ९सहु B, सवि। जुष जीतो जस खाटीयो, वमु-पुडि हुआ विख्यात / चित्रकोट चावो कीयो, सुणयो ते अवदात // 10 // नर नरपति पंडित सभा, साँभलियो सहु कोइ / परचाव्या तन धन दिये, ध्रम सतधारी कोइ // 11 // ॥१०॥१चित्रकूट B / 2 चौसाल / 3 जस सुविशाल B, जे सुविशाल / / 4 तणो , तणे D, राम BCE I ॥११॥१ऊपर / / 28 B01 3 तिहाँ / 4 गयणा / 5 दीयउ B, दीयो , कीयो / // 12 // 1 विषमी BOE | 2 कोसीसा BOE | 3 माहिं B, नीर / / 4 घणाँ 0, तणा / / 5 सासता BCE | 6 अभंग / // 13 // 1 वाघ / 2 विसमा E| 3 घाट / 4 विसमो। ५कोटि विसम , विसमो, विसमी / 7 वाट / 8 जाणि पुरुष भूलइ पणि वली 0, अणजाणग न सका नीकली / / 9 अणजांणउ न सका नीकली B, जांण पुरष पिण भूलै गली DI // 15 // 1 अनोपम | 2 महुल , महिल / 3 सपला B| 4 बसे / 5 मविवेक। 6 सवि 0 सुख / / 7 संपति / / 8 जहाँ / 9 सुर पिण जाणे वसीय इहाँ / /