________________ कवि हेमरतन कृत अलज तनि' अतिं ऊपन, विलली' विरह विराल / अवसर देखी आपण', जागि काम जटाल // 519 // काम-बाण कुण सहि सकइ', दाझइ सगली देह / सुंदरि तणा सँदेसडा, निपट वधारयउ नेह // 520 // विरह-विथा सहि नवि सकइ', अलज अंगि न माइ / प्रेम सुणी पदमिणि तण', घट गलहल ज्यूं जाइ // 521 // असपति थ' अहि सारिख, साहि न सकतउ कोइ / खीलिउ'बादिल गारुडी, पदमिणि मंत्र परोइ // 522 // ॥चोपई // असपति बोला- "बादिल, सुण', तुं अम्ह' आज घरे प्राहुणउ / भगति जुगति तुझ केही करां, 'तहं दीठइ मनमाहे ठरां' // 523 // पदमिणि सुं हम करयो प्रीति, रूडी परि सहु भाषे रीति / जब हम हाथि चडी पदमिणि, 'तउ मुझ घरि तुं होइसि धणी // 524 // सुभट साहू समझावे घण', थिर करि थापे ए मंत्रण। दूध डांग दिखलावे घणी, वात विहांणी आवे वणी" // 525 // ऍम कही निज करसुं' साहि, पहिराविउँ बादिल पतिसाहि / लाख सुनाया दीधा सार, हयवर गयवर वस्त्र अपार // 526 // // 519 // 1 अजल B, अलजो , अलिजौ D / 2 तिणि BCDI 3E ऊपनो , ऊपनौ / / 4 विलती , बिलल D / ५आपणौ / 6 जाग्यौ D E में नहीं है। // 520 // १सकै DB 2 दाझै DE | 3 सगल3 A| 4 वधारइं A, वधारयो BC, वधारै DE | ॥५२॥१सकै DE | 2 अजलउ B, अलजो , अलिजो D / 3 माय D / 4 तणो , तणौ DI 5 थलहलियो BC, (-यो D) / E में नहीं है / इसके आगे BODE प्रतियोंमें बार बार चुंबन करई (करै D, करे B), रुक्के (का DE) कुं (कों E) मुखि लाई। इलम (अजब E) पढी बहु (है E) पदमिणी (-नी), खूब लिख्या इह (है B) माहि / / B 572 / 8.582 | D 627 / E701 / // 522 // 1 थो, थौ DE | 2 सारिखो AOD, सारिखौ / / 3 सकतो CE, सकतौ / / 4 खील्यो BODEI ५प्रेम AI // 53 // 1 असुपति BC | 2 बोले 0, बोले D / 3 सुणो CE, सुणौ / / 4 हम D, मेरे / / 5 आज BC, आजि DI 5-6 वल्लम B1 6 पाहुणो ,पाहुणौ D, पाहुणौ / / 8 युगति BI 9 तुम्ह D, कितियक कीजिये / / 10 तो दी?..., तेरी अकल वसी मुझ हीये FiA501 / B574 / 0584 | D629 / E703 // // 525 // 1 स्यं B0, सौं। 2 अम्ह 80 | 3 करिज्यो BO, करज्यो , कहियौ / 4 स्यं B01 ५राखे BODI ने BC जै D, जो। ७चडही / 8 तउ (तो, तौ D) तुझ परि होइ धरती घणी BOD, तो तुझकुं धुंधरती घणी EI // 525 // 1 समझाए BCB | 2 घj AE, घणौ DI 3 मंत्रणौ (णो E) / 4 सवाहे BOD, सुधारे / // 526 ॥१करस्युं BDI 2 पहिराग्यो BOE, पहिराव्यौ / 3 हैवर DE | 4 गैवर DE | - ... इसके आगे BODB प्रतियोंमें रुका लिखि देवउ (देउं D, देहुं B) तुम्ह हाथ, माहि लिखउं () निज बंदगी वात (प्रीतिसु बात D, प्रीतम गाथ)। रमा ल्यउ (ल्यु D, लिं ) नही आलिम तणउ (तणो , तणौ D, तणी), वांचर (वांचे DB) काई भाजई (भाजै DE) मंत्रणउ (मंत्रणो क मंत्रणा . मंत्रणा :) //