________________ राजलोक का भाग 'ऊर्ध्वलोक, और नीचे के 7 राजलोक का भाग 'अधोलोक' है / (12) जीव की विशेषताएँ पर्याप्ति-प्राण-योग आदि जड की अपेक्षा जीव में क्या क्या विशेषताएँ हैं? ये ही पर्याप्ति, प्राण, स्थिति (अवगाहना), कायस्थिति, योग, उपयोग, लेश्या आदि जीव में अनेक विशेषताएँ हैं / जड में ऐसी कोई विशेषता नहीं / पर्याप्ति अर्थात् शक्तिः - ये छ: हैं, - 1. आहार, 2. शरीर, 3. इन्द्रिय, 4. श्वासोच्छवास, 5. भाषा व 6. मन / जब जीव के एक भव की आयु पूर्ण हो जाती है, तब वहाँ के शरीर से छूटकर वह पूर्वबद्ध आयुष्य और गति के अनुसार दूसरे भव को प्राप्त करता है / वहाँ आते ही जीव आहार के पुद्गल को आहार के रूप में ग्रहण करता है / इससे तुरन्त आहार-पर्याप्ति पैदा होती है / देखो, जन्म लेते ही जीव का पहला काम खाने का! आहार की कैसी आदत? जीव पूर्व जन्म से कर्मसमूह स्वरूप कार्मण शरीर के समान एक दूसरा तैजस शरीर भी साथ लाता है / उसके बल पर यहाँ आहार को पचाकर जीव उस से रस-रुधिर आदि 708