________________ हैं / 'पर' माने अपना (स्व) नहि, क्योंकि घड़ा धागे का नहीं है, छत पर नहीं है / मार्गशीर्ष मास में नहीं है, काला छोटा आदि नहीं है / अतः धागा आदि घडे के परद्रव्य, परक्षेत्र आदि है / घडे के साथ व्यावृत्ति संबंध से सम्बद्ध है / प्र.- पर पर्याय अपने कैसे? उ.- जैसे स्वपर्याय अपने है वैसे परपर्याय भी अपने ही है / वह इस प्रकार, :- 'मिट्टी का धडा धागे का नहीं है / ' इस पर पूछा जाए - 'मिट्टि का कौन?' तो कहना होगा - 'घडा' / 'धाने का कौन नहीं?' तो कहना होगा 'घडा' / घडे में मिट्टी अनुवृत्ति संबध से संबद्ध है | घडे में धागे व्यावृत्ति संबंध से संबंध है / तात्पर्य; स्वपर्याय परपर्याय घडे के साथ ही संबद्ध है, एक अनुवृत्ति संबंध से, दूसरा व्यावृत्ति संबंध से, लेकिन दोनों है घडे के / अब ये स्वद्रव्यादि तथा परद्रव्यादि विधेय और निषेध्य सम्बन्ध से घड़े के ही धर्म है / अतः इन दो प्रकार के संबन्धियों कि अपेक्षा से सात प्रश्न प्रस्तुत होते हैं / ____1. स्वद्रव्यादि की अपेक्षा से घड़ा कैसा है? कहा जायेगा कि 'अस्ति' अर्थात् 'सत्' / मिट्टी का घडा है? है / 2. परद्रव्यादि की अपेक्षा से घड़ा कैसा है? उत्तर होगा 'नास्ति' 2 3398