________________ करने के लिए अनेक प्रमाण उपलब्ध हैं / यजुर्वेद में भी तीर्थंकरों को मान्यता प्रदान की गई है / अनगिनत समय अथवा युगानुयुग से जैन धर्म प्रचलित रहा है / डो. राधाकृष्णन् जैनधर्म का सरल परिचय (1) जगत् का सर्जन और संचालन सुज्ञ को जिज्ञासा होती है, (1) जगत् क्या है? इसका सर्जन व संचालन कैसे? (2) मैं कौन हूँ? (3) मेरा कर्तव्य क्या है? इन विषयों पर संक्षेप में विचार करें / (1) जगत् क्या है? :-जगत् केवल जड़ पदार्थ नहीं है / कारण हमारी दृष्टि के सन्मुख दिखाई देनेवाले व्यवस्थित सर्जन और संचालन को केवल जड पदार्थ नहीं कह सकता है / जड में किसी प्रकार की बुद्धि, योजनाशक्ति व उद्यम दृष्टिगोचर नहीं होता है, जो कि ऐसे व्यवस्थित सर्जन व संचालन में अति आवश्यक है / अतः यह मानना अति आवश्यक है कि जड़पदार्थ के साथ जीवतत्त्व (पदार्थ) भी काम करता है / विश्व में जीव की बुद्धि, 2 270