________________ (55) संसार रे / अनंतनवानां पापथी। बूटे जीवनिरधाररे // गौ० // 30 // तपहुंती पापीतया / निसतरीयो अरजुनमाल रे // गौ // 31 // तपनाफल सूत्रेकह्या / पच्चक्खाण तणा दशजेदरे / अवरनेद पिण ले घणा / करतां दे त्रयवेद रे // गौ // 35 // (कलश) पञ्चक्खाणदशविधफलप्ररूप्या महावीरजिणदेवए / जे करे नवियणतपअखंमित तासु सुरपयसेवए / संवत्तनिधिगुणअश्वशशि वलि पोश सुददशमीदिने, पदमरंगवाचकसीसगणिवर रामचंद्र तप विधिनणे // गौ // // 33 // इतिदशपच्चक्खाणफलगनित वृक्ष स्तवनम् // ॥अथ श्रीऋषभजिनस्तवनलिख्यते // // ढाल // पाटोधरपाटीये पधारो एदेशी // सुणसुण सेजगिरिस्वामी / जगजीवनरंतरजामी / इंतो अरजकरुं सिरनामी / कृपानिधि वीनती अवधारो // 1 // जवसायरपारउतारो / निजसेवकवानवधारो / कृपानिधि विनतीअवधारो / प्रनुमूरतिमोहनगारी / निरख्यां हरखे नरनारी / जाउं वारी हुंवारहजारी // कृ० // // हिव किसियविमासणकीजे / मुझऊपरमहिरधरीजे / दिखरंजनदरसनदीजे // कृ० // 3 // आजसयलमनोरथ फलिया। नवनवना पातिकटलिया। प्रनु जो मुझसैंमुखमिलिया // कृ० // 4 // समस्यां संकटटलिजाये / नवनवनितमंगलथाये / मुख्यातमपुण्यनरायें // कृ०॥५॥ करजोमी वीनतिकीजे / केसरचंदनचरचीजे / दिन धन धन तेह गिणीजे // कृ०॥ ६॥प्रनु दरससरसलहि