________________ (30) दस गुणितकरीजे तेह / पणसहसबसे वलि तीसअधिकते जाण / ते रागे दोसे गुणा करीवखाण // 6 // दुइ सहस श्यारह पुश्सयसाचप्रमाण / ए प्रवचनवाणी जाणी हित जर आण / मनवच काया करि त्रिगुणा करि ते अंक / तेतीस सहस सतसात असी निःसंक // 7 // वलि करण करावण अनुमति त्रिगुणाकिछ / इकलक्ख सहसग तिसयचालीस प्रसिद्ध / अतीत अनागत वर्तमान वलि काल / जे अश्य विराधना तिणि त्रिगुणा संजाल // 7 // तीनलाख सहस च्यार बीसअधिक ते थाय / अरिहंत प्रमुख बहसाखे उ गुणा नाय / इम लाख अढारह वलि सहसचवीस / इकसो वीसोत्तर दुश् संख्या निसदीस // ए॥ // ढाल 4 // चोपईनी // ॥णपणि मिठामिठक्कम देई / नविकतस्या नवजलनिधि केई / तरे अरे वलि आगलतरसी / निरमलकेवललखमीवरसी // 10 // इरियावही धरमगंगाजल / स्नानकरि बातमकरे निरमल / सेंमुखलाषे वीरजिनेसर / सूत्रकरिगूंथे ते श्रुतधर // 11 // इमपमिकमी मुनिवरश्मतो / वीरसीस केवलपदपत्तो / त्रिकरणसुध तसु पयप्रणमीजे / मानवजमन मफल इमकीजे // 15 // कलश // श्म वीरजिणवर ज्ञानदिएयर सयललोयसुहंकरो / तियलोयसामी सिद्धिगामी सुघधरम धुरंधरो / उवज्काय लदमीकीर्ति सीसे जैनवाणी मनधरी / गणि लचिवबल स्तवनलण श्म संथुएयो नावे करी // 13 // इति श्रीहरियावहीस्तवनं संपूर्ण //