________________ (26) बेसे होमे / सयणां सुं जुहार करे मुजरो / करे नंमचेष्टा कहै वचन बुरो // 11 // धरेधरणो ऊगमे लवंगी। सिर गुंथे बांधे पालंठी / पसारे पग पहरेचाखमीयां / पगऊटक दिरावे पुरवमीयां // 12 // करदमलूहै मैथुनमंझे / जूओं वलि बैंतिहां बसे। उघामे गुऊकरे वायदां / काढे व्यापार तणा कायदा // 13 // जिनहरपरनालनो नीरधरे / अंघोले पीवा गमजरे / दूषण जिनजवनमें ए दाख्या / देववंदण जाष्यमें जे नाख्या // 14 // सुझानीश्रावक सगतिउतां / आसातनाटाले वारसतां / परमादवसे कोईथाये / आलोयां पापसहूजाये // 15 // तंबोलने जोजनपान जूया / मल मूत्र सयन स्त्री लोग दुआ। नूषण पनही ए जघन्य दसे / वरज्या जिनमंदिर मांहि वसे // 16 // व्यतर्ने जावत दोय पूजा / एहना हिज नेद कह्या दूजा। सेवा प्रजुनी मन सुखकरे / वंचितसुख लीला तेहवरे // 17 // * // कलश // * // श्म नव्यप्राणी नावाणी विवेकी शुन वातना / जिनबिंब अरचे परीवरजे चोरासीआसातना / ते गोत्र तीर्थकर उपार्जे नमें जेहनें केवली। जवज्काय श्री धर्मसीह वंदे जैन सासन ते वली // 10 // इति श्रीचोरासी श्रासातनास्तवनम् // // अथ 63 सिलाकापुरुषस्तवनं लि०॥ // * // ( ढाल 1) धरम महारथ सारथि सारं ए चाल // सद्गुरुचरणकमलमनधारं / त्रेसउत्तमनरअधिकारं /