________________ (25) गनयमणुजनें दीहकालकीसन्नाहोय / केशक आचारज कहै दिग्विायकी दोय / निश्चय पजात्तापंचिंदी तिर नर जेह / चौविह देवां मांहे आवी ऊपजे तेह // 17 // संखाउ पजत्त पंचिंदी तिरि नर तेम / पजाता नू दग पत्तेय वणस्सई जेम / ए सर्वमें निश्चय सुरनी आगति हुँति / पजात्त संख गनय तिरि नर सग नरके जंति // 17 // नरक उदवरत्या नर तिरि उपजे नहुवे सेस / जू अप्प वणस्सईमें नारग विण उपजे असेस / पुढवाई दसपयमें जू आऊ वणजंति / पुढवाई दस पयसै तेऊ वाऊ उपजंत // 15 // तेन वाऊनो गमण पुढवी पद नवमें हुंत / पुढवाई दस पदमें विगल जावंत श्रावंत / सहुमें तिरि गति आगति मणुआ सहुमें जाय / तेज वाऊथी मरीने जीव मनुज नवि थाय // 20 // श्री पुरसे चौविद सुर तिरि नर तीनूं वेद / थावर विगल नारगनें एक नपुंसक नेद / पऊत्त मणु वादर अगनि वेमाणिक तेम / जवण नारग व्यंतर जोईस चौ पण तिरि एम // 21 // बेशी तेइंत्री पृथवीने अप्पकाय / वाऊ वणस्सई अधिक अनुक्रम करि कहिवाय / हे जिन ए सहु लव में पाम्या वारअनंत / तेहनो अनुक्रम गणितां किम ही न आवे अंत // 22 // नर सुर विण सहु दंगमें ते गति संयोग / लाधो नहीं तुह दंसण कीनो कम्म प्रयोग / सुरमे पिण दंसण लहि विरति नपामी मूल / ते सुर जात सहावे देस विरति प्रतिकूल // 23 // आरज देस आरजकुस शुछ सुगुरु उपदेश / तेहथी तुह दंसनो किंचित पाम्यो खेस / धारक तारक कारक वारक दंसण देव / बातम