________________ (357) तरियाजी // ते // 2 // समिति गुप्ति शुं जे परवरिया / आत्मानंदेतरियाजी॥आश्रवधारसकल आवरिया // वरसंवर. संवरियाजी // ते० // 3 // खरतरमुनिआचरणाचरिया / राजसार गुणगरियाजी॥ ज्ञानधर्म तपध्याने वसिया / श्रुतरहस्यनारसीयाजी // ते // 4 // दीपचंदपाठकपदधरिया। विनयरयणसागरियाजी // देवचंजमुनिगुण उच्चरिया / कर्मपरिनिऊरियाजी // ते // 5 // सुरगिरिसुंदर जिनवरमंदिर / शोजित नगरसवाईजी // नवानगर चोमासुंकरीने / मुनिवर गुणथुति गाईजी // ते ॥६॥अरिहंतनो यश जगमें विचस्यो / विस्तरी जससंपदाजी // निग्रंथ वंदन स्तवन करतां / परममंगल सुखसदाजी॥ 7 // इत्यष्टप्रवचनमाता सफाय संपूर्णम् // // अथ पंडित श्रीदेवचंद्रजीकृत पंचभावना लिख्यते // // स्वस्तिश्रीमंदिरपरम / धर्मधाम सुखगम / स्यादवाद परिणामधरी / प्रणमुंचेतनराम // 1 // महावीरजिनवर नमुं / जप्रबाहु सूरीश / वंदीश्रीजिनजनगण।। श्रीदेमें मुनीश // 5 // सदगुरु शासनदेवनमी / बृहत्कटपअनुसार / शुचनावनासाधुनी / जाविसपंचप्रकार // 3 // इंजिय योगकषायने / जीपे मुनिनिशंक / इणजीते कुध्यानजय / जाए चित्ततरंग // 4 // प्रथमन्नावनाश्रुततणी। बीजीतप तीयसत्त्व / तुरियएकत्वनावना / पंचमन्नाव सुतत्त्व // 5 // श्रुतनावना मनस्थिरकरे / टाले जवनोखेद / तपनावना कायादमे / वमे वेदनमेद // 6 // सत्वनाव निर्जयदशा / निज लघुता एकनाव / तत्त्वनावना आत्मगुण / सिद्धि साधनादाव // 7 // ढाल पहली