________________ (334) // 30 // गु० // वस्त्रादिकशुद्धएषणी / लेदेखीसुविशेषेरे / कालप्रमाणे खपकरे / दूषणटलतां देखे रे // 35 // गुण॥ कुखी संबल जे कह्यां / संनिधिकेमही न राखेरे / दे उपदेशयथास्थितें / सत्य वचन मुखलारे // 40 // गुण // तनमेहेला मनमजला / तपकरी खीणीदेहीरे / बंधन वे बेदीकरी / विचरे जननिःस्नेहीरे // 41 // गु० // एहवा गुरु जोईकरी / आदरीये शुलना रे / बीजुतत्त्व सुगुरुतणुं / ए जिनहर्ष कहावेरे // 42 // गु० // ढाल 5 मी // कर्म न छूटेरेप्राणीआ // ए देशी // जवसायरतरवाजणी धर्मकरे हो सारंल / पत्थरनावरे वेसीने / तरवोसमुन उर्लन // 43 // ज० // आपे गोकुलगायनां / आपे कन्यारे दान / आपे खेत्रपुण्यार्थे / ब्राह्मणने देश्मान // // न // लूटावेघाणीवली / पृथिवीदानसुप्रेम। गोलाकलशारे मोरीया / आपेहल तिलहेम // 45 // ज० // वलीखणावेरे खांतशुं / कूआ सुंदरबाव / पुष्करिणी करणी नणी / सरवर सखरतलाव // 46 // ज० // कंद मूल मूके. नहीं। ग्यारसने हो दीस / आरंनते दिनअतिघणो / धर्मकीहांजगदीस // 4 // // यागकरे होमेतिहां / घोमानरनेरेगग। होमे जलचरमीमकां / धर्म कहांवीतराग // 4 // न // करे सदाएरे नोरतां / जीवतणाारंन / हणे महिषनेंबोकमा / जेहथी नरकसुलंन ॥४ए॥न०॥ सारेसरावेबाह्मण कने / पूर्वजनांरे सराध / तेमीपोषेरेकागमा / देखोएहउपाध // 50 // // तीरथजाए गोदावरी / गंगागयाप्र