________________ (333) शदीस / परमादीवीशवावीश // 25 // किरिया न करे किणिवार / पमिक्कमपुंसांऊसवार / नकरेपच्चरकाण सकाय / विकयाकरंतांदिनजाय // 26 // घृत दूध दहीं अप्रमाण / खाए नकरेपच्चरकाण / ज्ञानदर्शननेंचारित्र / मूकीदीधांसुपवित्र // 27 // सुविहितमुनिसामाचारी / पालेनहिं तेश्रणगारी / श्राहारनादोषबायाल / टालेनहीं किणहीकाल // 2 // धबधबधसमसतो चाले / काचेजलें देहपखाले, अर्चारचनावंदावे। वस्त्रादिकशोलाबनावे // ए // परिग्रहवली काकाराखे / क्लीवली अधिकानेधाखे / माठीकरणी जेकहियें / ते सघली. जिणमेलहियें // 30 // एहवाजे कुगुरुआरंजी। मुनि साधुकहेवायेदंनी / किश् कम्मप्रशंसाकरीये / नवनवगृहमांश्रवतरिये // 31 // लोहानीनावातोले / जवसायरमां जेबोले, जिनहर्षजले अहिकालो / पणकुगुरुनीसंगतिटालो // 32 // ढाल चोथी // करजोमीभागवरही // ए देशी // गुणगिरुआ गुरु उलखो। हियमे सुमति विचारीरे / गुरु सुपरीक्षादोहिली / जूलपमे नरनारीरे // 33 // गुण // पांचे इंजियवशकरे / पांचमहाव्रतपालेरे / चारकषायतजीजेणें / पांचे किरिया टालेरे // 34 // गुण // पांचसमिति सुमतारहे / तीन गुपति जे धारे रे। दोषवेंतालीशटालीने / पाणी नात आहारेरे // 35 // गु०॥ ममतांगंमीदेहनी / निर्लोजीनिर्मायीरे / नवविध परि. ग्रहपरिहरे / चित्तचिंत्ते नकारे // 36 // गु० // धर्मतणाउपगरणधरे / संजम पालवाकाजेंरे / नूमिजोई पगला गरे / शोकविरुधथीलाजे रे // 37 // गुण // पमिलेहण निरतिविधे।