________________ (335) याग / नाये अणगलनीरमें / धर्मतणो नहींलाग // 51 // जः // इत्यादिक करणीकरे / परनवेंसुखनेरेकाज / कहेजिनहर्ष मिलेनहीं / एहथीशिवपुरराज // 55 // // ढाल 6 ही॥रे जाया तुऊविनघमीरेउमास // एदेशी // धर्मखरो जिनवरतणोजी, शिवसुखनोदातार / श्रीजिनराजेंप्रकाशी. योजी / जेहनाचारप्रकार // 53 // नविकजन ज्ञानविचारी रेजोय / बुर्गतिपमतां जीवनेजी। धारेते धर्महोय // न // ए आंकणी // पंचमहाव्रतसाधुनांजी / दशविध धर्म विचार / हितकरीनेजिनवरकह्यांजी। श्रावकनाव्रतवार // 55 // // पंचुंबर चारेविगयजी / विषसहु माटीरहीम / रात्रिनोजनने कह्यांजी / बहुबीजनोनीम // 55 // // घोलवमावली रौंगणांजी। अनंतकायवतीश / अणजाएयां फल फूलमांजी। संधाणांनिशदीस // 56 // चलित अन्नवाशीथयुंजी। तुलसहु. फलदछ / धर्मीनरखाये नहींजी / एवावीशअनदय // 57 // ज० // नकरेनिधंसपणेजी / घरनापणारंन / जीवतणीजयणाघणीजी / नपीये अणगलशंज // // ज० // घृतपरेपाणी वावरे जी / बीये करतो पाप / सामायिकवत पोषधेजी / टाखे जवना पाप // एए॥ ज० // सुगुरु सुदेव सुधर्मनीजी / सेवा. जक्ति सदीव / धर्मशास्त्र सुणतांथकां जी / समजेकोमलजीव // 60 // ज० // मास मासने आंतरेंजी / कुशअग्रलुंजेबाल / कदा न पोहोंचे शोलमीजी / श्रीजिनधर्मविशाल // 61 // ज०॥ जिनधर्म मुक्तिपुरीदीयेजी / चगतिन्त्रमणमिथ्यात्व / एम जिनहर्षप्रकाशियेंजी / त्रीजुंतत्त्वविख्यात // 6 // ज० //