________________ (260) खिजो निज सेवकारे / तो बिना कोई न दीनदयालरे ॥३॥चां० इतरा दिवस लग चूलोथकोरे / सेव्यो तो होसी सुरकश्यकरे। ते अपराध कमीजो माहरारे / मोटा तो बगसे खूनअनेकरे // // 4 // चां० // हिवेश्कतारी किधी एहवीरे / तोविण अवरु नमवा झूसरे / सुरतरुफल गेमीने तुलनारे / खावानी केम आवे ढुसरे // 5 // चां० इसमो तो नेह घणोहि जालवोरे। जावे आवे ने करवा प्रीतरे / समविखमी पणनगणे वाटमारे। नवला स्नेही नवलीरीतरे // 6 // चां० मनमो चंचल युक्ततनु खसेरे / कर्म कठिन सबलि अन्तरायरे / पापकीया कई नव पाउलारे / मनमैलुं किम मेलु थायरे // 7 // चां० वालेश्वर सांजलमुक विनतीरे / म्हारे तो तुहीज सऊनसयनरे / हियमा नीतर तु सऊन वसेरे / ध्यान धरूं मलं दिनरेणरे // // चां० कोइ कहे मन तन माहरोरे / कोई कहै जीवन प्राणरे / म्हारे तो तो बिन को नहीरे / जिनजी नावेजाण मजाणरे // ए॥ चां० नयणे निरखिस मूर्ति तहारीरे / ते दिन सफल गणीसमहारायरे / सनमुख करसुं प्रमुख वात. मीरे / मेंमीपरनिजमनची लाजरे // 10 // चां० देवोंन दिधि मुफपाखमीरे / नमी मिलु जिजी तुझ आयरे / मनरा मनोरथ मनमे रह्यारे / किण आगल कहु चितलायरे // 11 // चां० तारे तो मुक्त पाखे सहीरे / पण म्हारेतो तुऊबिन नही सरन्तरे / जलधर सारो मोरा वायरारे / मेहबिन मोरकिम रहन्तरे // 12 // चां० चान्दो गगन सरोवर प्राहुणोरे / दूरथकी करे विकाशरे / जेहजीणोकेमनमेंवसेरे / तेह सदाहि