________________ (265) करे / इक पर बोमे नही उतराध्ययन अदर अनुसरै // 11 // // ढाल // चपरवी पौषध कडोजी, सुत्रसिधांतविचार। हरितप्रसूरि विवरो कह्योजी, बावीससहस्रीसार // चाल // बावीससहस्रीसारबोले दिवसप्रति करवो नही / पौषध अतिथी संविनाग वलि पर्व दीवसकरवासही / जद्दिष्ठशब्द तणो अर्थ शैलंगाचारिज करै / पौषध पर्युषण पर्व कट्याणक तिथी पणैए आदरे // 1 // // ढाल // उपधाने पौषध कह्योजी, सुत्र महानिशीथप्रमाण / तिविहार चनविहार जीमणोजी / एकविगय घृतजाण ॥चाल॥ घ्रत जाण आचरणापरंपरापूर्वाचार्ये एकही। नगवंतनाष्योसत्य तेहिज खेचाताण करवी नही / तिविहार पौषध चार प्रहरी अष्ट प्रहरी सीमाकरी / तीनगवतणी आचरणा अविधी बे पिण आदरी // 13 // // ढाल त्रीजी॥ कपूर हुवे अतिउजलोरे-एदेशी // सांजसमय स्थं मिला करेरे / वार वारमाहिवार / ईरीयावहीश्म पमीकमेरे / जयतिदुअण करे सार // 14 // संवेगीश्रावकसाचो पौषध एह, एतो जगवंत नाष्यो तेह / त्रिकरण शुधकरो तुमेरे / जिम पामोलवलेह सं० // 15 // आंकणी / अर्धविंबरवि आथमेरे / सूत्र कहो सुविचार // स्तवन करे तिणहीज समयरे, तारादीसेदोचार // 16 // सं० कालबेला इम पमीकमेरे / लांबी दमासणदेश, शुक्रियानी खपकरेरे / मनसंवेग धरे // 17 // सं० जिनदत्तकुशल कास्सग्ग करेरे। प्रतिक्रमणाने नेह / प्रतिक्रमण पुरो थयोरे। खरतरनी विधि