________________ (2 ) अपनेघरवेग लीखकरो ,निजपुत्रकलत्रसैप्रेमधरो // देशदेशांतरकांकोलो,नितनामजपोश्रीनाकोमो // 1 // मनवंचितसगति आसफले, सिरऊपर चामरत्रढले // आगलचाले फिलमिबघोमो, नित नामजपो श्रीनाकोमो॥२॥नृतप्रेत वैतालवली, मायणने सायण जेहटली // बलविजनलागेकाश्जोमो नित // 3 // एकांतरतावसीओदाहु, औषधविनजायथयोमाहु, नविदूखे माथोपगगोमो नितम् // 4 // कंठमाल अनेगुम्मम सबला, वलिउपसमेरोगटलेसबला, पीमानकरे फुन गल फोमो नितम् // 5 // नपमे मुर्जिदकाल कदा, सुवृष्टिहोय सुकालसदा, ततखिणअशुजकरम तोमो नितम् // 6 // जागंतो तीरथपासपहु, जिहांजात्रीआवेजगतसदु मुजने नव मुःखथकी गेमो नित०॥७॥श्रीपार्श्वप्रन्नुमहेवानगरे, मेंनेट्या जिनवरहरषनरे // समयसुंदरकहै गुणजोमो नितम् // // इतिपदम् // ॥जगतमें नवपद जयकारी // एचाल // नाकोमापारस प्रनुधारी / आवेदरसणकों नरनारी। आंकमी महेवानगरमाहै गजै / चिंतामणी तीरथपतिराजै / स्यामविसुंदर विराजै / दरससै सहु उखमालाजै / उमावणी अश्वसेन केलामला / वामादेवीकेनंद / प्रनावतीके कंत प्रनुजी / मुखको पूनिमचंद / दरस श्राज सरस कीयो जारी। आवे // 1 // जनमवाणारसी में जाणो / धन्यते दिवस कहवाणो / कमउमद दूर करणटाणो / विषधरने कस्यो नागरायो / ज० संयमपाली निरमलो। कर्मनिर्जराहेतु / केवललही संघथापीयो / कांश जवसागरनोसेतु / जयेप्रनु निरुपम सुखधारी आवे ॥२॥राण