________________ (246) नमि दशमी शिवमंदिर पाम्यो, अनंत तेरस जन्म जाणो / चवदश चरण ज्ञान कुंथु जन्म्या" 'सुदि चोथ चतुर्थ ( अनिनंदन) चवाणो रे जो पू० // ३७॥धर्मच्यवन सातमअनिनंदन,-श्राम शिवपुरराणो, सुमतिजन्म नवमीदिनदीक्षा, वीर दसमी दिन नाणो रे न० पू० // 30 // बारस विमल च्यवन अजित जिन, तेरस संजम प्रमाणो, / इति वैशाष मास जेठ वदी श्रेयांश चविया, आठम सुव्रत जन्म कहापोरे ज० पू० // 35 // नवमी दिन निर्वाणसुव्रतनो, तेरससांतीजन्म कहिये,एहिजदिन निर्वाण एप्रनुनो, चवदस संजम ग्रहिये रे ज० पू० // 40 ॥'सुदि पंचमि धर्म शिवसुखलहियो, नवमी वासुपूज्य चविया / सुपार्श्व वारस दिन जनम्या, तेरस संजम उवियारे न० पू० // 41 // इति जेठ मास आषाढवदि चोथ रिषन चविया, विमल सातम निर्वाण / नमिदीदा नवमी दिनलीधी, अनुपमसुखनीखाणरे जपू॥४॥ 'वर्धमान सुदि च्यवनशुचि, नेमि आम शिववरिया / चवदस वासुपूज्य शिवपायो, सुखसंपतिनादरिया,रेन पू०॥३॥ इति अषाढ मास बारे मास कल्याणकानुना, वरणव्या सास्त्रप्रमाणं / बारेपूनिम पर्ववखाण्या, सेवोजविकसुखखारेज० पू० ॥४॥चैत्री. दिन उपवास करीजे, पूजा विविध प्रकार / दश वीश तीश चालीश पचाश, तिलक करे सुखकार रे ज० पू० // 45 ॥श्म.