________________ (235) सजि संघ मलीने / सद्गुरुने आणी दीजेजी / नव ग्यारे तेरे वायण / सुपिने पुरगति वारोजी / पूजा प्रनावना सद्गुरुनक्ति करिने जन्म सुधारोजी // 3 // साहमीवचल करिये नावे / वारंवार उजमंताजी / के शीयल तप संयम पाले ! नाव अधिक जलसंताजी। श्राप दिवस पजुसणसेवो।जिमसेवे सुरईदाजी / सुयदेवीसुपसायेजाखे जिनकृपाचन्न सूरींदाजी // 4 // // इति श्रीपजुसणपर्वनी थुइ संपूर्ण // पर्युषण स्तवन / पर्वपजूसण पुन्ये पामीयारे / आराधो सुमनावे सुजाणरे // जिनशासनमां पर्व वखाणियेरे लोकोत्तरगुणखाणरे / पर्व // 1 // अग महोव करे नंदीसरेरे / सहु इन्जादिक मनुहाररे / तिमन्नवि लावललेथी इहां करोरे। जिनपूजन सुखकाररे / पर्व० // 2 // पहिलेदिन उपवास नलिपरेरे / सांजलो श्राकुमार चरित्ररे / रात्री जागो करो पुस्तक तणोरे / ज्ञान नक्ति करो पवित्ररे / पर्व // 3 // दूजेदिन सहुसंघमिली जलोरे / वाजित्र हय गय रथ परिवाररे // पुस्तक उबवकरी गुरु पासमारे / आणीबापो सुखकाररे // पर्व // 4 // त्रीजेदिन सदु पुस्तक पूजिनेरे, सांजलो कटपसूत्र 'जिन' वाणरे // आश्रव पांच निवरो नविजनारे। पालो जिनवर केरी आपरे / पर्व // 5 // चोथे दिन चतुर चित्तमां धरोरे / जिन जक्ति विविध प्रकाररे / पूजा परजावना करी सासनतणीरे / सोना वधारो सुविचाररे / पर्व // 6 // पांचमे दिवस महोत्सव जन्मनोरे / वरते धवल मंगलसुप्रसिघरे / पालणो वीर प्रनुनो गाइनेरे / जिनवरत्नक्ति