________________ (136) करी जस लीधरे / पर्व // 7 // वीरचरित्र सुणो बछे दिनेरे / मध्याने पारस नेमि वखाणरे // आंतरा काल सांजली नावसुंरे। पञ्चानुपूर्वी करी सुजाणरे / पर्व० // // दिनसातमें आदि चरित्र वखाणतारे। निसुणो थविर तणो चरित्ररे / आउमे दिन समाचारी साधु तणीरे / सांजलो नवि कटपसूत्ररे / पर्व // ए॥ चैत्यप्रवामी संघ मिली करोरे / बूगे सुकृत केरो मेहरे // संवचरी पमिक्कमणामें खमावियेरे / उप श्रम करो गुण गेहरे / पर्व० // 10 // अमारी पलावी जीव यतना नणीरे / सासनउन्नति करो सुविनीतरे // इण परे पर्व आराधो नवि जनारे / कृपाचन्न शासननी ए रीतरे / पर्व // 11 // ॥इति पर्युषण स्तवनानि समाप्तानि // ।रोहिणीतप स्तवनं / // ढाल पहेली // ___ वर्षमानजिनवर नमी, सुयदेवी सुपसाय / रोहिणी तप विधीवर्ण, शास्त्रथकी चितलाय, // 1 // कट्याणक ओली जली, पंचम्यादि तपजाण / श्म बहुविध तपवर्णव्यो, तिम रोहिणी मन श्राण // 2 // हारे मारा गमधर्मना साढा पचवीसदेशजो // ऐदेशी // हारेसारे जंबूदीपमां नरतक्षेत्रमा नुहारजो, अंगदेशनगीनो सोहे अतिललोरेलोय // हां // चंपा नामें सुंदर नवली नयरीजो, वासुपुज्यनन्दन जगवन्दन नृपतिखोरे लोय // 3 // हां० // मघवाराजा जगतदिवाजा तत्थजो, कमला राणी सीयल सुहाणी रायने रे लो // हांग // सुखलो