________________ (163) कुबोहलोह जोहकोहमोहमाणवङियं // अनंतकांत शांतदांत रूपमैंण लजियं ॥अशेष शुद्धतत्तजुत्तसोनयेअमायकं // // 6 // विसालनालसुविसाल अपचंदनकियं // रउद्दथी रिसाइ जाणएथ आरक्रियं / सुनैणकंद गंधकांतकार्जनोरा रायकं // // // कपूरपूर कस्सतूरकुंकमातुरंगए / अरग्गजाअथग्गमें रहेगरक्कअंगए / अबेहगेहमुत्तिदेह सबहीसुहायकं // प्र॥ // मृदंगदोंदोंदों धप्पमप्प वऊये / नफेरलेरकवरी नीसाण मेघगए। तटक्कतांन थेई थेई लक्खसुक्खदायकं // // ए॥ हा॥ करि 1 केहरि 2 दव 3 कुचाहि 4 रामि 5 समुद्दह 6 रोग 7 अतिबंधण नय अफ टले / सांमनांमसंयोग // 10 // बंदलुजंगी // बदुरित्त गकोफुकंतोफुकोला / लपक्कैविलग्गीयलीमाललोला / वलेटे वलाकावली सुंदोला, फरेनिज्करां जेममदैकपोला // 11 // पहुचालतो जाणपाहामतोला। ऊलकैललकावतो लालमोला / इसौ दूठपूर्व पताअकोला / जपं. तांकरे नांचिनीमातचौला // 12 // इतिहस्तिनयनिवारणं // महा सद्दसीहं अबीहं अदंग, नरेफाल आफालतो पुचछु / निगै फाममाचौ वमंवजमुंमं / महातिरकनक्खं रखरोखर // 13 // फुरकावतो मुंब फामंततुंमं / ललकंतलोलाविकदृ वि। धणीपासचौनाम ध्यानंधरं / टवेश्याल ज्युं सींह होएअहं // 14 // इतिसिंघजयनिवारणं // जलांजंगलांमै जटाजूटजाला / घणांकामउजाममै अग्गकाला। बहु मिग्गवग्गं पशुपंखिवाला / बलंताकमेकाचिमाजतिजाला // 15 // धुरै धूमलग्गो कीयानग्गकाला, ऊलोकालरूंखै टट्या नांहिटाखा /