________________ (164) वसंकटे एणायां विचाला / प्रनु नामनीरे बुकै तत्तकाला ॥१६॥इतिअग्निनयनिवारणं ॥कलूकालरूपि महाविकरालं / फणाटोपरोपै महाकोप जालं / वलकैवलंतो चलंतोकरालं / जिणेफूंकसूकै तरुम्मालमालं // 17 // हलाहालसंलोलियं विक्खलालं / रहै लाललोचन्न दोजीहवालं / धरंताप्रजूनामरिदेविचादं / सही सावहोवै जिसीफुबमालं // 17 ॥इतिसर्पजयनिवारणं // निमेनूपपे अधिक्केबटक्के / खलां हामतूटै खमग्गां षटक्कै / परांहैवरां पामनाखैपटक्कै / धुरां सिंधुरांकंधरा जूधटक्कै // 15 // पमैप्राणसंधाणवांणेबटक्कै / हुक्कै केश हावालरोसेहटक्कै / जलाफालगोले हु नालैचटक्कै / तुटै तुंममुंमा प्रचंमातटक्कै // 20 // गोहासलोहापमंता बिटक्कै / फुकैसूरऊफेड नांखैफटक्कै / प्रजुनामलेतां सही अटक्कै / कदे बालवांको नहोवैकटक्कै // 1 // इतियुघनयनिवारणं // जतन्नघणे 'कोईवैसे जिहांजै / अथग्गेजले आश्कुवायवाजै / घटाटोप मेघा. घमंतिगाजै / दुवकै तरंगा विरंगाहुवाजै ॥२॥लिचापिच्चलागी ऊमीताललाजै / अहोकोइराखैअवैअम्मकाजै / इसेसंकटे जेजपे जैन राजै / सही पारपामें तिके सुरकसाजै // 23 // इतिजखनय निवारणं // गगुंबलं गोलकंहीयहोमी / हरस्सं खसं उध्रसं गांठफोमी। टलेगोमथीकोढ अड्डाररोमी // महातापसंतापआतंककोमी // 24 // नहोवैकदे कायमें कांखोमी / सहुआधिव्याधि सही जागेगी। जिनंदं नमैंमन्नमैं मान मोमी। है सो सदासुरकसंपत्तिजोमी // 25 // इतिरोग जयनिवारणं // श्रमुंग बलेग वलेमन्नखोटा / जियां चक्खं चुंचीलुट्या गाल