________________ ( १९ए) तिहां यात्राणी // 4 // ढाल 2 जी॥ आव्योतिहां नरहरि जिणहरमनजलास ।मनमेंशाणंदे वंदे थंजणपास। पेखेअतिनवलीपूजाप्रनुजीनेंदेह / एकेणेकीधी इममनथयो संदेह / संदेहथयो अटवीचिहुंपासे नहीं मानवसंचार / केणकरी विद्याधर सुरवर पूजासतर प्रकार ।इसोविमासी मंम्पअंतर रह्यागँगुपतेगम। मध्यरातपातालेश्रावीवासग विसहरसाम॥५॥तिहांावी प्रणमें चैनाटिकादेस / मिलिनागकुंमारी विरचेअदनुतवेस / शक्रस्तवपनणे जाण्याश्रावकएह / हरिप्रगट्यो ततखिण साहमीतणेससनेह // ससनेहवासग कृष्णनरेसर बेग बिंबवखाणे / ए श्रीजिणवरपासजिणेसरआदि न कोई जाणे / असीसहसवरससो मेपूज्या जेहुंतापायाले / धरण एक प्रासादकराव्यौ थाप्याएहजिनावै // 6 // सदुवातकहीनें वासगगयोपायाले / श्रीकृष्णनरेसरमनचिंते ततकालै // जो एहवो तीरथ दुवेवारिकामकार / तोजाणुं नरजवसफलथयोअवतार / सफलजनमकरिवानेकाजे तेह बिंब तिहांथाणे / श्रीधारिकाहेममें जिणवरथाप्याप्रगट प्रमाणे / घणे कालपूजा तिहांपामी करमनिकाचितजाणी। श्रावकनेसुपनांतरावी देववदेश्मवाणी // 7 // प्रनु प्रतिमा वाहणलेश समुषमकारि / मुंके ज्योनगरी थास्ये अवरप्रकार / तिणसागर अंतर कालगयो बहुजाम / दक्खिण दिसिनत्तम कुंतीनगरीगम / कुंतीनगरीजैनवसै जिहां श्रावकसागरदत्त / वाहणसातवहैव्यापारे पोते परघल वित्त / अन्यदिवससायरविचवहतां / जिहां ने थंजणपाश / ऊपरि आव्या धन्यावाहण ते सविथयाउदास // 7 // ढाल 3 जी।