________________ (150) // श्री थंभणापार्श्वनाथजीनो स्त० लि. // ढाल // प्रनु प्रणमुरे पास जिनेसरथंजणो / गुणगाश्वारे मुझमनऊखट अतिघणो / शानिविणरे एहनी आदिनकोलहै / तोहिपिणरे गीतारथगुरु श्मकहै / बेवक // श्मकहे शास्त्रतणे प्रमाणे रामदशरथनंदनें। बांधवापाजे सीतकाजे समुजतट एकणवने / तिहारह्या बांधव रामबउमणसाथिसेना अतिघणी प्रासाद गुंजारेपासनी / मनवंबितरे प्रासापूरे श्रासनी रामराजारे दिन प्रतिपूजासाचवे। करजोमिरे बेबांधव श्मवीनवे ऊन्वीनवेस्वामी तुह्म प्रसादे जलथि जलथलेकिमें।तोपाजबांधुं लंकसाधुं श्मकही प्रनुपायनामें / बहुपूज करतांध्यान धरतां सातमासगया जिसे / नव दिवसअधिकाथया ऊपरिजललिजलथंन्यो तिसे शाढाल॥ ए अतिशयरे अचरिजपेख्यो प्रनुतणो / तिणकारणरे नामदीयो तसुधेनणो / जलऊपरिरे पाजकरीपत्थरतणी, गढलंकारे साधेवा सीताजणी // त्रूटक गढलंकसाधी सीताणी तेण वनश्राब्यावली / दिनाउअगश्महोचवकीया मनपूगी रखी। श्रीरामराजा शुषश्रावक विनीतानगरीवसे / वीशमाजिनवर तणेवारे श्मथया गुरूउपदिसे // 3 // ढाख // इणअनुक्रमरे केतलोकालगयोवही / ते प्रतिमारे तिणवनमें निश्चलरही / शणअवसररे इंजतणे आएसकरी / सायरतटरे सोवनमेघारापुरी। त्रुटक पारिकानगरी कृष्णराजा अर्चनरततणोधणी / तिहांवसै यादवकोमिलप्पन वहै भाग्या जिणतणी / तिण काल तिणवन तेह तीरथतेहनीमहिमासुणी / सारंगपाणी नावाणी पाव्या