________________ (135) मरदअटलां। तूं ही शेष फरीदाहे // 23 // तें ऊपाया धंदेवाया। मायामें मुलकंदाहे / तूं बूढाबाला मदमतवाला / तूं पक्कावाजंदा है। तूं कच्चा कवला सबतेंसबला / सच्चामऊरहंदा है। बाबा गोसांई नेद न पाई। नीमपढ्यां आवंदाहे // 24 // तूं नारायण जोगपरायण / माधव तूं ही मुकंदाहे / तूं कवलाधारी तूं अवतारी / तूं देवांदेवंदाहे / तूं एकांथप्पे एकजथप्पे / थितिनिजसुधथापंदा हे। तोदेवलमकां लोक तिसंका। सीरणियां वाटंदाहे // 25 // गुणगीतपयासे कीरतनासे / जीणे स्वरगावंदाहे / काला गुरुअगरसुंमलयागर / धूपेमा धुखंदाहे / कुंकुमकसतूरी केसरपूरी / चंदनसुंचरचंदाहे / मरुयामचकुंदा फूलाहंदा / टोमरकंठरवंदाहे // 26 // चंपागुलाबां जरीयगवां / परमल तिहां वासंदाहे / कसवोई चंगी। रचीये अंगी फूलां वीचफावंदा हे / आजूषण धरियां तन ऊपरियां। कुंमलकानतिगंदाहे / सूरतसोहंदी मूरतहंदी / दीगं नेणरंदाहे // 27 // तेरी बलि जाउं मोजांपाउं / वीनती तूं हि सुणं दाहे / क्याकत्यूंगवां दुकम अदयां / समकितमन जलसंदाहे / सिद्धांदावासा तिहारहासा / तुमसेवकविलसंदा है। घग्घरनीसांणी पासवखाणी गुणजिनहर्षकहंदा हे // 2 // इतिश्रीपार्श्वजिनघग्घर निसाणी संपूर्णा // // अथ श्रीपार्श्वजिन स्तवनं लिख्यते // तूंमेरेमनमें प्रनु तूं मेरे दिल में ध्यानधरूं पलपलमें / पासजिनेसरअंतरजामी / सेवाकरूं बिनबिनमें // तूं // 1 // काहूकोमन तरुणीसेंराच्यो / कार्कोचित्तधनमें / मेरो मन प्रचतु