________________ (131) साला / पखावज वाजंदाहे / कुहके करनाला वीचरसाला / जंगी ढोल घुरंदाहे / वाजे. सरणाई सखरीघाई / नगारा रोमदाहे // 17 // पचमा वैरूट्टा आण उलट्टां / नाटिक मिखना. चंदाहे।तता थश्तत्ताथश्तानतमंमा। रसलेदरमंदाहे। दिनतीन वितीता तोहि न वीता। पावसजलपसरंदा हे।धरणी धरजाण्या ग्यानपिगण्या / कमगसुरकोपंदाहे // 17 // नागाधिपति आंख्यारत्ती / कित्ती रीसावंदा हे / रे मूढाधिक्ष चित्तविणा / क्यूं नांहि समऊंदाहे / साहिबवलवंता जोर अनंता / तूंतो नहि जाणंदाहे / ए क्षमासागर गुणके आगर / तीनूं लोकनमंदाहे // 15 // असमांनखमाई रीसनराई / हिक्काई बजरंदा हे / कित्ती बहुगहां पमै दहबां धमहमदेह धूजंदा हे / धरणे मराया तब ते आया / पावां श्रायलगंदा हे / करजोमिखमाया सीसनमाया। जगनायक जिनचंदाहे // 20 // तूं साहिबसच्चा तोगुण रच्चा / मेरा दिल खुलंदा हे। तें रीसनधरियां विणहीविरियां / तूं ही अचल गिरंदा हे / कमगसुरकित्ती बहुविनत्ती / निजअपराध खमंदाहे सुरपतिसिधाये निजघराये / प्रनुके गुणसमरंदाहे // 21 // सुधसंजमपाले दोष निहाके / तब केवल उपजंदा हे / सम्मेतशिखरपर चढके ऊपर। सिझपुरीपोहचंदा है / तेरी कीरत्ती जग ऊपत्ती / पार न को पावंदा हे / तूं सच्चारके नेदपररके / गुमानी मोमंदाहे // 22 // तूं अंतरजामी तूं बहुनामी / सुरनरसेवकरंदा हे / तूं दीवाणा तूं खूमाणा / तूं मोजी मकरंदा हे / तूं असापीर फकीर मुसाफर / तूं जोगी तूं जिंदाहे / तूं काजीमुहां