________________ (117) किरिया। जैनदरशनसें सबतिरिया // दोहा // साखी // ज्ञानपदारथसातमें / पदमें आतमराम / रमतारम्यश्रध्यातमें / निजपदसाधेकाम / देखतावस्तुजगतसारी // जग // 3 // जोगकीमहिमाबहुजाणी। चक्रधरगेमी सबराणी / यतिदशधरमकरी सोहे / मुनि श्रावक सब मनमोहे // उहा // साखी // करमनिकाचितकापवा / तपकुगरकरध्याय / क्षमायुतनवमापदधरे। कर्ममूलकटजाय / जजोतुम नवपदसुखकारी // जग // 4 // श्रीसिद्धचक्रनजोनाई। आचामलतपविधिसेंथाई / पापत्रिहुं. जोगेपरिहरजो / लावश्रीपालपरे करजो // हा // साखी // संवतजगणीस सतरसमें / जेपुर श्रीजिनपास / चैत्रधवलपूनिमदिने / सफलफली मुबास / बालकहे नवपदविप्यारी // जग // 5 // इतिश्रीनवपदजीनी लावणी संपूर्णा // ॥अथ श्री नेमनाथजीकी चतुरमासक लावणी लिख्यते॥ ॥गईघटागगनमेंकारि राजुलकुं विरहकुःखनारी // नग०॥ चौमासालग्या रसन्नीना / अलि अषाढरंगमहीना / च्यारंतरफसें वादलपीना / बिजलिने चमकणाकीना / दिल होत धमकतासीना / में अबलासखीपतिहीना / उमावनी // सररररर. चलतसमीर / थररररर करतसरीरं / मररररर मरतसमीर / अलि केसीकलं तदबीर बुरीतकदीर / पीया विनप्यारी // राजलकू // 1 // श्रावणमें श्यामघनघोर / जरजोरबोलते. मोर / दाउरमिल करतेदोर, पिनपिउ पपश्यासोर / ऊमलग्योबूंदकमजोर / बिचचमके दामनी कोर // उमावनी // खममममरु रवधनमाला / तममममम जलपरनाला / अममममम