________________ (105) जनक्ति लालरे // वी० // // संपूरणपदसेवतां, पोसहरो नहींजोग लालरे / तोहीसातपदेसही / पोसहकरिएसंजोग लालरे // वी० ॥ए॥ सूरि थिवर पाठक पदे / साधु चारित्र सुजांण लालरे / गौतम तीर्थ पदे सही / सातश्रांनकमनमान लालरे // वी० // 10 // पदपददीउ करेसदा / दोयदोयजापहजार लालरे // पमिकमणो दोयटकही। करिएपूजासार लालरे // वी० // 11 // शक्तिमुजबतपकीजीए / एकलीकरोवीश लालरे / वीशावीशीच्यारसे / तपसंख्याएमकहीस / लालरे // वी० // 12 // जिस दिन जोपदतपकरे / तिसके गुण चितधार लालरे / काउसग्ग परदक्षणा / मुखनणियेनवकार लालरे // वी० // 13 // जिसपदकी स्तवनासुणे / कीजे जिनपदनक्ति, लालरे / पूजन शुनमनसाचवे / दिन दिनवढतीशक्ति लालरे // 15 // मृतकजननझतुकालमें / कबिधास्यो उपवास ला सो लेखे नहिं लेखवो / निकेवलतपजास लालरे ॥वी // 15 // सावऊत्यागपणो करे। सोकनधारेचित्त लालरे। शीलाजूषणादरे / मुखसुबोलेसत्य लालरे ॥वी // 16 // जेठासाढ वैशाखमें / मिगसर फागुणमाघ साखरे // एषट् मास मांहिनें / व्रतग्रहिए वमनाग लालरे // वी० // 17 // तपपूरणदुवां थकां / ऊजमणो निरधार लालरे / कीजेशक्तिविचारीनें / उन्चवविविधप्रकार लालरे // वी० // 10 // वीसवीसगिणती तणा / पुस्तकपूगादि लालरे / ज्ञानतणीपूजाकरे। मुंकीजे हव्वाद लालरे // वी० // 15 // फलवर्धिनगरनी श्राविका, कीधीविधि चितलाय लालरे / जनमसफलकरवा नणी