________________ (100) // ढाल 4 राग मारुणीमनोहरणी ए चाल // // कालस्वनावनियतमतिकूमी / करमकरे तेथाय / करमें नरय तिरिय नर सुरगति / जीवनवंतरेजाय // 35 // चेतन चेतज्योरे करमनबुटेकोय / करमें रामवस्या वनवासे / सीतापामीयाल / कम लंकापतिरावणर्नु / राज्य श्रयो विसराल // 33 // चेतः // कर्मे कीमी कम कुंजर / कर्मे नर गुणवंत / कम रोगसोगमुखपीमित / जनमजाये विलसंत // 34 // चेत॥ कर्मेवरसलगेरिसहेसर / उदकनपामें अन्न / कर्मे जिननें जोऊगिमारे / खीलारोंप्याकन्न // 35 // चेत // कम एकसुखपालबेसे / सेवकसेवेपाय / एक हयगयचढ्या चतुरनर / एकागलऊजाय // 36 // चेत० // उद्यममानी अंधतणीपरि / जगहीमे हाहूतो। कर्म वली तेलहे सकलफल / सुखजर सेजे सूतो // 37 // चेत // जंदरएके कीधोउद्यम / करंमीयोकरकोले / मांहे घणा दिवसनो नूखो / नागरह्योमममोले // 37 // चेतः // विवर करी मूषक तसुमुखमां / दीयेआपणुंदेह / मार्गलहि वन नागपधाखा, कर्ममर्मजोवोएह // 35 // चेत // // ढाल 5 मी तोचढियोघणमाणगजे ए चाल // // हिव उद्यमवादीजणेए / एच्यारे असमत्थतो / सकल पदारथसाधवाए / उद्यमएकसमरत्थतो // 40 // उद्यमकरतांमानवीए / स्युनविसीकेकाजतो / रामें रयणायर तणीए / खीयो लंकाराजतो // 41 // करमनियतिने अनुसरए / जेहमां सत्व न होयतो। देवलवाघसुखपंखियाए / पिउपैसंता जोयतो // 42 // विणउद्यम किम नींकलेए / तिलमाहेंथी तेलतो