________________ (एए) नहि कणकोरमुजी / सकलस्वनावअनेक // 20 // वि०॥ देशविशेषे कानोजी / नुयमां थाये पाखाण / संखअस्थिनो नीपजेजी। देवस्वनावप्रमाण // 21 // वि० // रबितातो शशिसीयलोजी / नव्यादिकबहुनाव / उएजव्य आप आपणाजी। नतजे कोश्स्वन्नाव // 22 // वि०॥ // ढाल 3 कपूरहुवे अतिऊजलोरे ए चाल // // काल किसुंकरे बापमोरे / वस्तुस्वनावअकऊ / जो न होइ नवतव्यताजी / तोकिमसीओकारे // 23 // प्राणी मकरो मनजंजाल / एतो नावीनावनिहालरे // प्रा० // जलधितरे जंगलफिरेजी। कोमियतनकरेकोय / अण नावीहोवे नहींजी। जावीहोयते होयरे // 24 // प्रा० // आंबे मोर वसंतमांजी। माले कोइ लाख / कस्या केई खांखटी जी / केईआंबा केईसाखरे // 25 // प्रा० // वांउलजिमजवतव्यताजी। जिण जिण दिशेउजाय / परवसमनमाणस तणोजी। तृणजिम पूधायरे // 26 // प्रा० // नियतवसे विण चिंतव्यूंजी / आवीमिले ततकाल / वरसां सोनुं चिंतव्योजी। नियमकरेविसरासरे // 27 // प्राण // आग्मो चक्रि सुजूम ते जी। समुडपड्यो विकराल / ब्रह्मदत्तचक्री तणाजी। नयनहरे गोवालरे // 2 // प्रा० // कोकूहा कोयलकरेजी। किम राखीसरेप्राण / आहेमी शरताकीयोजी / ऊपरलमेंसींचाणरे // प्रा० // ए॥आहेमीनागेंमस्योजी / बाणलग्योसींचाण / कोकूहोऊमीगयोजी / जोनियतपरमाणरे ॥३०॥प्रा०॥ सस्त्रहण्यासंग्राममां जीरानपड्यांजीवंत।मंदिरमांहें मानवीजी।राख्याही न रहंतरे॥३१॥प्रा॥