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________________ 399 w w w w o " 0 श्लोकानुक्रर्माणका श्लोकाः सर्ग श्लो० / इलोकाः सर्ग श्लो. / श्लोकाः सर्ग इलो० प्रभुत्वभूम्नानु० 9 109 / भैमीपदस्पर्श० 6 5 मुग्धः स मोहात् 8 39 प्रसीद तस्मै 9 53 | भेमीमुपावीणय० 6 65 न० 9 121 प्रसीद यच्छ 9147 #मीविनोदाय 6 74 | मृगस्य प्रसनवाणाहय० 7 48 भैमीसमीपे 6 72 प्रसूनमित्येव 9139 भैम्या 6 2 | यः प्रेर्यमाणोऽपि 6 79 प्रसृप्रसाद धिंगता 6 49 भ्रमन्नमुष्यामुप० 6 36 / यत्प्रत्युत 8 82 प्राची प्रयाते 8 62 भ्रमामि ते भैमि 9 51 | यत्रावदत्तामति० 6 68 प्राप्तेव तावत्तव 8 49 | भूम्यां प्रियांया 7 25 / यत्रैकयालीकनली० 6 61 प्रियं न मृत्यं न 1 92 भ्रश्चित्ररेखा 7 91 / यथाकृतिः काचन 8 28 प्रियां विकल्पोप० 6 17 यथा तथा नाम 9 29 प्रियाङ्गपान्था 7 6 मग्ना 7 . 5 | यथा यथेह 9 20 प्रितासखीभूत० 7 105 मतः किमरावत० 9 52 / तदक्रमं विक्रम० 8 4 प्रियामनाभृशर० 8 88 मदग्रतापव्यय० 9 9. यदाववायोपि 9 142 यदि प्रसादीकुरुते 7 43 प्रियामुखीभूय 7 52 मध्यं तनूकृत्य 7 82 यदि वभावान्मम 9 .10 प्रिये वृणीष्वामर० 8 103 मध्योपकण्ठावध० 7 40 प्लुष्टश्चापेन 9 46 मनोभुवस्ते भविनम् 9 138 यांद स्वमुद्वन्धु० 8 105 मन्दाकिनी०६ 83 यशः पदाङ्गुष्ठ 7 106 मन्येऽमुना कर्ण० 7 64 यस्तन्वि भर्ता 8 80 वन्धूक० ... 7 37 मम त्वदच्छाङत्रि० 9187- यस्मिन्नल० 6 35 बाहू मम अमश्चेतनया० 9 126 यानेन तन्न्या 7101 विभति वंशः 9 6 ममांदरीदं विद० 9 100 यानेव देवान् 6 8, बभेति चिन्तामपि 0 31 ममापि किना। ब्रवीति मपाशयः स्वप्न० 9. 32 रज्यन्नखस्या० 7 70 ब्रह्मादयस्यान्व० 7 3. ममामना भव 9 114 रज्यम्व राज्ये 6 84 ममव पाणीकरणे० 9 68 ग्थादमी सारथिना 6 7 भवत्पदाङ्गुष्ठमार 8 36 ममैव वाहर्दि 9 96 रम्भापि 7 9H भवन्नदृदयः 6 46 मयाङ्ग पृष्टः 9 3 रबैंगणास्फालभवः 8 68 भन्यानि 7 16 मयापि देयं प्रति० 9. 16 राजा दिनानामनु० 8 37 भृयापि बाला 8 31 मयैव संवाध्य 9140 / राजी द्विजानामिह 7 46 भूयोऽयमेनन् - 6110 6 110 महाजनाचार. नमाज 9 13 : र रुपामा 7 108 मृलोकतमख० 814 मही कृतार्था 8 4. रूपं प्रति०६ 44, 10 / रोमागितामनु 6 23 भशं वियांगा नल. 9 89 महेन्द्र दृत्यादि . 9.102, रोमावलीदण्ड 7 89 भी च दृत्यं च 6 89 महेन्द्रहेतेरपि 9 150 रोमावलीभ्र० 7 86 भीनिराशे हृदि 6 16 / मालन्न 6 21 . रोमावलीरज्जु. 7 84 8 48 /
SR No.032779
Book TitleNaishadhiya Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSheshraj Sharma
PublisherChaukhambha Sanskrit Series Office
Publication Year
Total Pages1098
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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