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________________ urur ध 398 नैषधीयचरितं महाकाव्यम् श्लोकाः सर्ग श्लो० / श्लोकाः सर्ग श्लो0 | श्लोकाः सर्ग श्लो० तव प्रवेशे 8 27 दिवौकसं कामयते 9 41 / निरस्त दूतः स्म 9 38 तवाधराय 1118 | दूते नलश्रीमति 8 16 निरीक्षितं चाङ्ग० 8 12 तवास्मि 9151 दृत्याय दैत्यारिपतेः 6 1 | निवेक्ष्यसे यद्यनले 9 47 तवेत्ययोगस्मर० 1133 . निवेद्यतां हन्त दृशापि तस्माददृश्यादपि 6 32 8 24 दृशोरमङ्गल्य० . 9 106 निषिद्धमप्याचरणी०९ 36 तस्मिन्नलोऽसाविति 8 5 दृशोयी ते 9 67 निषेधवेषो विधि. 9 50 तस्मिन्नियं सेति 6 73 दृशोर्यथाकाम० 79 नैनं त्यज क्षीरधि०६ 80 तस्मिन्विमृश्यैव 6 96 दृशौ किमस्याः 7 34 न्यवेशि रत्नत्रितये 9 71 तस्मिन्विषज्याध० 6 42 दृशौ मृषा 9 91 न्यस्तं ततस्तेन 8 83 तां कुण्डिनाख्या० 6 4 6 20 दोमलमालोक्य पतिवरायाः 9 तामेद सा यत्र 81 6 70 पदं शतेनाप 6 82 तारुण्य. धिनोति नास्मान् 8 . 97 पदातिथेयाँल्लिखि० 9 143 तालं प्रभु 7 74 धियात्मनस्ताव० 9 124 पदे विधातुर्यदि 7 10 तीर्णः 8 26 धुतापतत्पुष्प० 9 86 | पदोपहारेऽनुप० 8 22 तुषारनिःशेषित० 7 103 धृताधृतेस्तस्य 8 67, पभ्यां नृपः संचर 6 57 तेपामिदानीम् 8 60 पद्माङ्क० 7 49 त्रिनेत्रमात्रेण रुषा 8 63 | न काकुवाक्यैरति० 9 93 परस्परस्पर्श० 6 55 त्वचः समुत्तार्य 7 31 नत्वा शिरोरत्न० 8 20 परिष्वजस्वानव० 9 116 त्वत्कान्तिमरमाभि० 8 91 न मन्मथस्त्वम् 8 29 | परेतभर्तुर्मनसैव० 6 109 स्वदथिनः सन्तु 8 94 नलं तदावेत्य 9 137 पश्यन् स तस्मिम् 6 18 त्वदाग्यांनी मद९. 63 नलं स तत्पक्ष० 9128 पश्याः० . 6 39 त्वद गीचरम खलु 8 72 नलप्रणाली०६ 3 त्वया जगत्युच्चित 88 42 पिकस्य वाङ्मात्र० 8 64 न वर्तसे मन्मथ 9 119 त्वं कन्या 9 55 पुंसि स्वभर्तृव्यति०६ 43 न संनिधात्री 9 78 त्याव 5 9. 88 पुण्ये मनः कस्य 8 17 नावा स्मर: 6 66 पुत्री सुहृद्य न 8 77 ददाम कि ते 8 102 नासादसीया 7 36 पुमानिवास्पशि 6 47 नास्पर्शि दृष्टापि .7 17 ददेऽपि तुभ्यम 9 131 पुरः सुरीणम् 9 28 दमरवमः 8 70 | निःशङ्कमकोचित० 7 77 पुराकृति० 7 15 निजस्य 9 79 पुरा परित्यज्य 8 23 दयोदय स. 8 96 निजांशुनिर्दग्ध० 9 146 / पल धनः 7 24 दलोदरे निजे सृजास्मासु 8 92 पौरस्त्यशैलम् .. 8 52 दिगीश्वरार्थ न 9 69 | नित्यं नियत्या 6 103 | प्रक्षीण एवायुपि 6 100 दिवारजन्योः 7 55 निपीय पीयूष० 9 72 | प्रतिप्रतीकम् 7 2 दिवो धवरत्वाम 9 74 - निमीलनस्पष्ट० 6 22 | प्रत्यङ्गमस्या० 7 19 दयरव
SR No.032779
Book TitleNaishadhiya Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSheshraj Sharma
PublisherChaukhambha Sanskrit Series Office
Publication Year
Total Pages1098
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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