________________ 532 सिद्धहैमबृहत्मक्रिया. [आख्यातप्रकरणे अव्यथि। व्याथं व्याथम् / व्यथं व्यथम्। प्रथिष् प्रख्याने // 4 // प्रथते / अप्रथिष्ट / पप्रथे। म्रदिए मर्दने // 6 // स्वदिष् स्खदने ॥६॥स्वदनं विदारणम् / कदुङ् क्रदुङ् क्लदुङ् वैलव्ये // 9 // वैकल्य इति चन्द्रः। कन्दते। क्रन्दते। लन्दते। क्रपि कृपायाम् // 10 // बिखरिष् संभ्रमे // 11 // प्रसिष् विस्तारे // 12 // प्रसव इत्यन्ये / दक्षि हिंसागत्योः // 13 // श्रां पाके // 14 // | पाके श्रांक पाके इत्यस्य घटादिकार्थः पाठः / श्रपयति / अन्यत्र श्रापयति / स्मं आध्याने // 15 // स्मारयति / दृ भये // 16 // दरयति / भयादन्यत्र दारयति / दश विदारणे इति क्यादिषु पठिष्यमाणस्यापि घटादिकार्यार्थमिह पाठः। एवमुत्तरत्रापि / नू नये // 97 // घटादित्वात् नृणन्तं प्रयुक्ते नरयति / नयादन्यत्र नारयति / ष्टक स्तक प्रतीघाते // 19 // स्तकति / चक तृप्तौ // 20 // चकति / चकयति / अयमात्मनेपद्यपि / चकते / अक कुटिलायां गतौ // 21 // अकति / अकयति / कखे हसने // 22 // कखति / अकखीत् / अग अकवत् // 23 // रगे शंकायाम् // 24 // लगे सङ्गे // 25 // ह्रगे हगे पगे सगे ष्टगे स्थगे संवरणे // 31 // संवरणमाच्छादनम्। वट भट परिभाषणे॥३३॥ वेष्टने वाटयति। भृतौ भाटयति / णट नृत्तौ // 34 // नटयति शाखाम् / अन्यत्र नाटयति / गड सेचने // 36 // गडति / ऋफिडादीनामिति लत्वे गलति / हेड वेष्टने // 36 // इस्वत्वे / हिडयति / इस्वविधानान्न गुणः। अहिडि / अहीडी। लड जिबोन्मथने // 37 // लडयति जिह्वां कुक्कुरः। अन्यत्र लाडयति। लत्वे / ललयति / लड विलासे इत्यस्यैवार्थविशेषे घटादिकार्यार्थमिह पाठः / फण कण रण गतौ // 40 // फणति / पफाण / जृभ्रमेति वा एत्वे फेणतुः। पफणतुः। गतेरन्यत्र फाणयति घटम् / निःस्नेहयतीत्यर्थः / चण हिंसादानयोश्च // 41 // चाद् गतौ // चणति / चणयति / शब्दे तु चाणयति / शण श्रण दाने // 42 / / स्नथ नथ क्रथ क्लथ हिंसाः // 46 // क्रथयति / चौरस्योत्क्राथयतीति तु यौजादिकस्य घनन्ताद्वा णिच्। जासनाटकाथेतिनिर्देशाद्वा ह्रस्वाभावः / छद ऊर्जने // 47 // ऊर्जनं प्राणनं बलं च / छदण ऊर्जने इति पठिष्यमाणोऽप्यूर्जने घटादिकार्यार्थमिह पाठः। छदयत्यग्निः। स्वार्थे णिच् // छादयन्तं प्रयुङ्क्ते इति णिग्या। ऊर्जनादन्यत्र छादयति गृहं तृणैः। मदै हर्षग्लेपनयोः // 48 // मदैच हर्ष इत्यस्यार्थविशेषे इस्वार्थ पाठः / मदयति / अन्यत्र मादयति / टन स्तन ध्वन शब्दे // 51 // स्वन अवतंसने // 52 // स्वनयति / शब्दे तु स्वानयति / चन हिंसायाम् // 53!! ज्वर रोगे // 54 // चल कम्पने // 7 // हल हल चलने